जींद महापंचायत में क्या लिया गया फैसला, मंच से क्या बोले राकेश टिकैत?

जींद महापंचायत में क्या लिया गया फैसला, मंच से क्या बोले राकेश टिकैत?

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आज बुधवार को हरियाणा के जींद जिले के कंडेला में किसानों की महापंचायत हुई। इस महापंचायत में हजारों की संख्या में किसानों ने भाग लिया। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता राकेश टिकैत ने इसमें भाग लिया।

महापंचायत ने इस दौरान सरकार के समक्ष पांच सूत्रीय प्रस्ताव रखा। किसानों के इस प्रस्ताव में मोदी सरकार की ओर लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का आह्वान किया गया। वहीं, किसानों ने सरकार से एमएसपी की संवैधानिक गारंटी मांगी।

इतना ही नहीं किसानों के तरफ से स्वामीनाथन रिपोर्ट के कार्यान्वयन और गिरफ्तार किसानों की रिहाई के साथ-साथ उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लेने की भी मांग की गई है।

किसानों ने अपने इस प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से किसानों यूनियनों के साथ बातचीत करने का भी आह्वान किया गया है।

एक प्रेस नोट जारी कर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, “संयुक्त किसान मोर्चा भारत में चल रहे किसान आंदोलन के प्रति अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्वों के समर्थन को स्वीकार करता है। एक तरफ, यह गर्व की बात है कि दुनिया की प्रख्यात हस्तियां किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखा रही हैं, वहीं दूसरी ओर, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार किसानों के दर्द को समझ नहीं रही है और कुछ लोग शांतिपूर्ण किसानों को आतंकवादी भी कह रहे हैं।”

किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन दिन-पर-दिन मजबूत होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायतों में भारी समर्थन मिलने के बाद किसानों ने मध्य प्रदेश के डबरा और फूलबाग, राजस्थान के मेहंदीपुर और हरियाणा के जींद में महापंचायतें आयोजित की हैं। बड़ी संख्या में आने वाले दिनों में किसान दिल्ली आएंगे।

शाहजहाँपुर सीमा पर राजस्थान और पंजाब के किसान लगातार पहुंच रहे हैं। किसानों ने सरकार के अत्याचारों के बाद, फिर से पलवल सीमा पर धरना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में किसान इस स्थल पर पहुंचेंगे।

किसान मोर्चा ने कहा, “हम सिंघु सीमा पर पत्रकारों के प्रवेश को रोकने के लिए पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हैं। सरकार ने इंटरनेट को पहले ही बंद कर दिया है और अब मीडिया के लोगों के विरोध स्थलों पर प्रवेश और कवरेज सरकार द्वारा रोकी जा रही है। सरकार इस आंदोलन की वास्तविकता से देशभर में आम लोगों तक पहुंचाने से डर रही है और विरोध स्थलों से संचार को अवरुद्ध करने की पूरी कोशिश कर रही है। यह सब करके सरकार अपना प्रचार-प्रसार करना चाहती है, जिसे किसान किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे।”

दूसरी तरफ राकेश टिकैत ने महापंचायत के मंच से कहा कि आंदोलन धीमा नहीं होगा। उन्होंने कहा, “इस आंदोलन का कोई नेता नहीं हैं, इसके नेता किसान हैं।” उन्होंने कहा ,”आंदोलन लंबा चलेगा और धीमा नहीं होगा। हमारे जिन किसान प्रतिनिधियों से सरकार बातचीत कर रही थी, उनसे सरकार बातचीत करना जारी रखे। जो भी वो कहेंगे वो हम करेंगे। इस आंदोलन को कोई दबा नहीं कर सकते, हमारी ये लड़ाई ज़मीन बचाने की है। हम तिजोरी में अनाज बंद नहीं होने देंगे।”

उन्होंने महापंचायत के दौरान मंच टूटने पर कहा, “पंचायत में मंच टूट गया, अच्छा हुआ, भाग्यवान लोगों के मंच टूटते हैं…ये लोग भी वही हैं, ये ट्रैक्टर भी वही हैं।” वहीं जींद में मौजूद एक किसान निर्मल सिंह ने कहा किसान पहले कह चुके हैं कि कानून वापस न होने तक हम डटे रहेंगे। एक और किसान संसार सिंह ने कहा कि किसान बहुत मुसीबत में हैं। मोदी जी और मनोहर लाल खट्टर जी किसानों को झूठा आश्वासन दे रहे हैं। कानून न वापस हुआ तो हम वापस नहीं जाएंगे।

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