आजम खान के जान को खतरा, जेल से बाहर आने के बाद बोले अब्दुल्ला

आजम खान के जान को खतरा, जेल से बाहर आने के बाद बोले अब्दुल्ला

समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को सभी मामलों में जमानत मिल गई है। वह सीतापुर जेल से बाहर आ गए हैं। बीते 23 महीने से अब्दुल्ला आजम खान सीतापुर जिला कारागार में बंद थे।

कोर्ट ने उन्हें कुल 43 मामलों में जमानत दे दी है। जेल से रिहाई के बाद भारी भीड़ के साथ उनका काफिला रामपुर के लिए रवाना हुआ है। हालांकि, आजम खान अभी भी जेल में बंद हैं। अब्दुल्ला आजम खान ने 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था।

अब्दुल्ला चुनाव जीत विधायक बन गए थे लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी नवाब काजिम अली और सुना वेद मियां ने अब्दुल्लाह आजम की उम्र को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद्द कर दिया था।

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अब्दुल्ला आजम जेल से बाहर आने के बाद कहा, “मैं चुनाव लडूंगा भी और जीतूंगा भी, आजम खान 9 बार विधायक रहें वे ऐसे मुकदमें में जेल में बंद है जिसमें 8 लोगों को अग्रिम जमानत मिल गई है। इसबार अखिलेश जी 200% मुख्यमंत्री बनेंगे।”

उन्होंने कहा, “रामपुर में मौजूदा अधिकारियों के रहते इस मंडल में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता। सब दिशानिर्देश सिर्फ विपक्ष के लिए हैं…जो ज़ुल्म हम पर हो सकते थे, वो किए गए। आज भी मेरे पिता को वहां (जेल में) जान का खतरा है।”

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अब्दुल्ला की रिहाई के वक्त सीतापुर जेल के बाहर सपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी। अब्दुल्ला ने रिहा होने के बाद कहा, “मेरे वालिद के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए और बीमार आदमी को जेल भेजकर उनपर अत्याचार किया जा रहा है।”

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इतना ही नहीं अब्दुल्ला ने योगी सरकार पर साजिश का आरोप भी लगाया है। बताया जा रहा है कि अब्दुल्ला आजम खान जेल से बाहर आने के बाद समाजवादी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार भी करेंगे और खुद भी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।

रामपुर शहर सीट से वह विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। रामपुर विधानसभा सीट से साल 2017 में आजम खान 9वीं बार विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रहे थे। आजम खान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी शिव बहादुर सक्सेना को शिकस्त दी।

बीजेपी की लहर में भी आजम की जीत का अंतर 46 हजार से अधिक वोट का था। लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद आजम खान के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर उप-चुनाव में उनकी पत्नी तंजीम फातिमा विधायक निर्वाचित हुईं। महज एक बार आजम खान को रामपुर में सियासी मात खानी पड़ी थी, इसके अलावा उनके सामने कोई चुनौती नहीं दे सका।


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