ओमिक्रॉन के अब तक तीन सब-लीनिएज (Sub-lineage) यानी स्ट्रेन सामने आए हैं, जिसमें BA.1, BA.2 और BA.3 शामिल हैं। वहीं, ब्रिटेन में अब तक BA.1 स्ट्रेन का कहर था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि ब्रिटेन में BA.2 स्ट्रेन सामने आ गया है। दरअसल, BA.2 स्ट्रेन ओमिक्रॉन का सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है।
ब्रिटिश अखबार डेली एक्सप्रेस के मुताबिक, यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के 53 सीक्वेंस की पहचान की है। वहीं, यूकेएचएसए का कहना है कि ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के BA.2 स्ट्रेन के 53 मामले सामने आए हैं।
हेल्थ एजेंसी का कहना है कि सबसे तेजी से फैलने वाला ओमिक्रॉन वेरिएंट के लक्षण कम गंभीर है। दूसरी तरफ, यूकेएचएसए का कहना है कि हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि ओमिक्रॉन की गंभीरता वयस्कों पर कम है। हालांकि, यूकेएचएसए ने चेतावनी दी है कि BA.2 स्ट्रेन के 53 सीक्वेंस हैं, जो काफी ज्यादा संक्रामक है। इसका कोई खास म्यूटेशन नहीं है, जिसके कारण इसे आसानी से डेल्टा वेरिएंट से अलग किया जा सकता है। केवल यही नहीं बल्कि इससे कुछ ही दिन पहले इजराइल में ओमिक्रॉन का यह स्ट्रेन मिला था।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, BA.1 और BA.3 के स्पाइक प्रोटीन में जहां 69 से 70 डिलेशन हैं, जबकि BA.2 में नहीं है। आपको हम यह भी बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के जीनोमिक सीक्वेंसिंग पर अध्ययन करने के लिए इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium -INSACOG) इंसाकॉग है।
वहीं, इसकी देशभ में 38 लेबोरेट्री है। ऐसे में इंसाकॉग का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट Omicron (B.11.529) का भाई BA.1 देश में तेजी से फैल रहा है और इसने महाराष्ट्र में डेल्टा की जगह ले ली है।
दूसरी तरफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेब्रेयेसिस ने ओमिक्रॉन को लेकर चेतावनी है। उन्होंने कहा है कि कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से अलग-अलग देशों में कोविड संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन मृत्युदर स्थिर है।
पिछले हफ्ते, दुनियाभर से WHO को कोविड-19 के 1.5 करोड़ से अधिक नए केस की जानकारी मिली थी, जो कि एक हफ्ते में अब तक के सबसे अधिक मामले हैं। हालांकि, ये आधिकारिक अनुमान हैं और वास्तविक संख्या वास्तव में इससे कहीं अधिक हो सकती है।
घेब्रेयेसिस ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि संक्रमण में यह विशाल स्पाइक (तेजी) ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण है, जो तेजी से लगभग सभी देशों में डेल्टा की जगह ले रहा है।
उन्होंने कहा, “मौतों की संख्या पिछले साल अक्टूबर से एक सप्ताह में औसतन 48 हजार मौतों के साथ स्थिर बनी हुई है। यह ओमिक्रॉन की कम गंभीरता और टीकाकरण या पिछले संक्रमण से व्यापक प्रतिरक्षा के कारण हो सकता है।”
चेताते हुए घेब्रेयेसिस ने आगे कहा, “लेकिन जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके लिए ओमिक्रॉन एक खतरनाक वायरस बना हुआ है। एक हफ्ते में लगभग 50 हजार मौतें बहुत अधिक हैं। इस वायरस के साथ जीना सीखने का मतलब यह नहीं है कि हम इतनी मौतों को स्वीकार कर सकते हैं।”
घेब्रेयेसिस ने कहा कि दुनियाभर के अस्पतालों में भर्ती होने वाले अधिकांश लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है। टीकाकरण गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में बहुत प्रभावी रहता है, मगर वह संक्रमण को फैलने से पूरी तरह से नहीं रोकता है।
WHO प्रमुख ने दोहराया कि कोरोना महामारी को निश्चित रूप से हराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ दुनियाभर की सभी सरकारों और प्रोड्यूसर्स को मिलकर काम करना होगा।
उन्होंने इसके लिए दो तरीके बताए हैं। पहला है- कम कवरेज वाले जोखिम वाले देशों में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाना। और दूसरा- लोगों को टीका देने के लिए जरूरी संसाधनों की पर्याप्त पूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि जब तक हम हर जगह सुरक्षित नहीं हैं, तब तक हम कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।
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