उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी पर कुछ विधायकों की नाराजगी के चलते खतरा मंडराने लगा है। शीर्ष आलाकमान ने मुख्यमंत्री रावत को दिल्ली तलब किया है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, रावत को राज्य के पार्टी विधायकों और सांसदों के एक वर्ग के भीतर पनप रहे असंतोष को लेकर दिल्ली बुलाया गया है।
The #BJP High Command has asked #Uttarakhand Chief Minister #TrivendraSinghRawat to take "serious action" in the face of the simmering resentment within a section of the state party MLAs and MPs who are opposed to his style of functioning, top party sources said in #Dehradun. pic.twitter.com/QmUHzSfKap
— IANS Tweets (@ians_india) March 7, 2021
एजेंसी के मुताबिक, देहरादून से वापसी के बाद इसी बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने बतौर ऑब्जर्वर अपनी रिपोर्ट भाजपा आलाकमान को सौंप दी है। माना जा रहा है कि रावत रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखने के लिए आज सोमवार को दिल्ली पहुंच सकते हैं।
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पूरे घटनाक्रम में खास बात यह है कि कि राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और कई विधायक पिछले दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। बीजेपी के संसदीय बोर्ड की 9 मार्च को दिल्ली में होने वाली बैठक में उत्तराखंड के मसले पर बातचीत होने की संभावना है।
आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले के बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण का दौरा रद्द कर दिया है। ताकि वह दिल्ली पहुंचकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर राज्य के हालात पर अपना पक्ष रख सकें।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व की तरफ से देहरादून में बीते शनिवार को भेजे गए दोनों आब्जर्वर ने कई विधायकों के साथ अलग से बैठक की थी। विधायकों ने इस दौरान बताया कि वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतत्व में चुनाव लड़ने पर नुकसान हो सकता है।
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उनका आरोप है कि सरकार में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने के कारण जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनी जा रही है। जिसके चलते जनता के बीच भारी नाराजगी है। ये रिपोर्ट आब्जर्वर्स ने बीजेपी नेतृत्व को सौंप दी है।
उत्तराखंड के एक भाजपा नेता ने कहा, “अगले वर्ष 2022 में चुनाव है। कई विधायकों की नाराजगी के कारण वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चुनाव लड़ना खतरे से खाली नहीं माना जा रहा है। हालांकि पार्टी नेतृत्व विधायकों को मनाकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश में जरूर लगा है। आब्जर्वर की रिपोर्ट पर बीजेपी नेतृत्व को आगे का फैसला करना है। चेहरा नहीं बदला तो मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होना तय माना जा रहा।”
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