किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरे राहुल गांधी को रास्ते में रोका, पुलिस बोली- परमिशन नहीं

किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरे राहुल गांधी को रास्ते में रोका, पुलिस बोली- परमिशन नहीं

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के पक्ष में विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने निकले। लेकिन उन्हें और मार्च कर रहे दूसरे नेताओं को पुलिस ने रास्ते में रोक दिया।

कांग्रेस ने मार्च निकालने से पहले कहा था कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद आज यानी 24 दिसंबर को कांग्रेस राहुल गांधी की अगुवाई में करीब 11 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपेंगे। इसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस का कहना है कि राहुल गांधी के इस मार्च को इजाजत नहीं दी गई है, जिनके पास परमिशन होगा, वही जाएंगे। मार्च पर निकलीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, “इस सरकार के खिलाफ किसी भी असंतोष को आतंक के तत्वों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। हम किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं।”

राहुल गांधी से जब मीडिया ने रोकने लेकर सवाल किया तो उन्होंने कि वो तो तरीका है इनका। मारना-पीटना इनका तरीका है। लेकिन हम इसमें विश्वास नहीं करते हैं। जब पत्रकारों ने उनसे देश में लोकतंत्र को सवाल किया तो उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आप किस देश की बात कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या आप इंडिया के बारे में बात कर रहे। उन्होंने ये भी कहा कि इंडिया में कोई डेमोक्रेसी नहीं है।

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खबरों के मुताबिक, आज कांग्रेस पार्टी किसानों के पक्ष में विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने जा रही थी, लेकिन दिल्ली पुलिस परमिशन नहीं मिलने का हवाला देकर रास्ते में रोका। हालांकि, राहुल गांधी समेत तीन नेता राष्ट्रपति भवन जा सकेंगे। इसी के साथ नई दिल्ली इलाके में फिलहाल धारा 144 लागू कर दी गई है। राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा को बढ़ाया गया है।

राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट कर जान दी है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल आज उनसे मिलने पहुंचा। जिसमें गुलाम नबी आज़ाद, अधीर रंजन चौधरी, और राहुल गांधी शामिल थे।

उधर, हरियाणा कांग्रेस की प्रमुख कुमारी शैलजा ने कहा कि किसानों के खिलाफ हरियाणा सरकार ने मामला दर्ज करके सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसानों की आवाज बीजेपी सरकार को लगातार दबा रही है। इस सरकार पर से लोगों का भरोसा उठ गया है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को किसानों ने काले झंडे दिखाए।

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शैलजा ने आगे कहा कि किसानों के खिलाफ पहले भी राज्य सरकार ने दमनकारी कार्रवाई की थी। उन्होंने तब भी पूछा था कि काले झंडे दिखाना हत्या का प्रयास कैसे है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को तुरंत वापस लेना चाहिए।

आज एक बार फिर किसानों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। दोपहर 12 बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और आंदोलन का कारणों को बताएंगे। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसान मोर्चा की ओर से तरफ से वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अगर लोगों के कुछ सवाल हो तो वो जवाब दे सकें।

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