कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दावा किया है कि केंद्र सरकार सांसदों की संख्या बढ़ाने वाली है। उन्होंने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के पास साल 2024 से पहले लोकसभा के सांसदों की संख्या 1000 या उससे अधिक बढ़ाने का प्रस्ताव है। मनीष तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसा कोई भी फैसला लेने से पहले सार्वजनिक चर्चा करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता कल ट्वीट किया, “मुझे भाजपा के संसदीय सहयोगियों द्वारा विश्वसनीय रूप से सूचित किया गया है कि 2024 से पहले लोकसभा की संख्या 1000 या उससे अधिक करने का प्रस्ताव है। 1000 सीटों वाले नए संसद कक्ष का निर्माण किया जा रहा है। ऐसा करने से पहले एक गंभीर सार्वजनिक परामर्श होना चाहिए।”
I am reliably informed by Parlimentary colleagues in @BJP4India that there is a proposal to increase strength of Lok Sabha to 1000 or more before 2024. New Parliament Chamber being constructed as a 1000 seater.
— Manish Tewari (@ManishTewari) July 25, 2021
Before this is done there should be a serious public consultation.
एक अन्य कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी कहा, “सार्वजनिक बहस की आवश्यकता है। हमारे जैसे बड़े देश के लिए सीधे चुने जाने वाले अधिक प्रतिनिधियों की जरूरत है। लेकिन अगर यह वृद्धि जनसंख्या के आधार पर होती है तो इससे दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व और कम हो जाएगा, जो स्वीकार्य नहीं होगा।”
Public debate is needed. A large country like ours needs more directly elected representatives. But if the increase is based on population it will further diminish the representation of the southern states, that will not be acceptable.
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) July 25, 2021
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जैसा कि मालूम है कि वर्तमान में लोकसभा सीटों की संख्या 543 और राज्यसभा सीटों की 245 सदस्य हैं। हालांकि, सरकार ने नए संसद भवन के निर्माण के बाद संसद में जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने के संकेत दिए हैं।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दिसंबर, 2020 के एक इंटरव्यू में कहा था कि यह मान लिया जाना चाहिए कि निकट भविष्य में सांसदों की संख्या में वृद्धि होगी, क्योंकि कुछ लोकसभा सीटें 16 लाख से 18 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
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लोकसभा स्पीकर ने ये भी कहा था कि निचले सदन में जगह की कमी के कारण कई सांसदों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा था, “वर्तमान में यदि सभी 543 सांसद भवन में मौजूद हैं, तो वे सभी अध्यक्ष के आसन से दिखाई नहीं देते हैं। कई सांसदों को खंभों के पीछे भी बैठना पड़ता है। वे शिकायत करते हैं कि ऐसी स्थिति में वे ठीक से (सदन को संबोधित) नहीं कर पा रहे हैं और काम करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।”
उन्होंने आगे कहा था कि डेस्क और बैठने की स्थान पर जगह की कमी है। आधुनिक मल्टीमीडिया संचार उपकरण और मतदान प्रणाली के लिए कोई स्थान नहीं है।” ओम बिरला ने कहा था कि नए संसद भवन के लोकसभा में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान क्षमता को बढ़ाकर 1,224 करने का विकल्प होगा। इसी तरह राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी।
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