नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री केजरीवाल हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने केजरीवाल सरकार की तैयारियों और रुख को लेकर उन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिवाली के विज्ञापन पर 32 करोड़ खर्च कर दिए। हालांकि, वह चाहती तो उस पैसे से 600 आईसीयू बेड खरीद सकती थी।
माकन ने कहा, “इस स्थिति के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और केंद्र के गृहमंत्री बराबर के जिम्मेदार हैं। विज्ञापन के अलावा इन लोगों ने कुछ नहीं किया है। केजरीवाल जी, आपने 32 करोड़ रुपये दिवाली के विज्ञापनों पर खर्च किया है। अगर आप वो पैसा अपने विज्ञापन पर खर्च नहीं करते तो उससे आप 600 आईसीयू बेड खरीद सकते थे। आज दिल्ली की संक्रमण दर बाकी अन्य देशों के मुकाबले बहुत अधिक है।”
उन्होंने कहा, “एनसीडीसी द्वारा जारी रिपोर्ट में यह कहा गया है कि 15 हजार के हिसाब से 20 फीसदी लोगों को प्रतिदिन अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ेगी। यानी अगर आप हिसाब लगाएं तो प्रति दिन 3000 लोगों को अतिरिक्त भर्ती होने की जरूरत है। दिल्ली सरकार का खुद का डैशबोर्ड यह कहता है कि मात्र 600 बेड ही खाली हैं। यह सिर्फ एक दिन का ही बोझ सहन कर पाएंगे उससे ज्यादा की स्थिति में यह नहीं हैं।”
उन्होंमे आगे कहा, “हमारा दिल्ली सरकार से निवेदन है कि दिल्ली की जनता पर रहम कीजिए और केवल चुनकर कुछ बाजारों को बंद न करें और ना लॉकडाउन करें। बाजारों का लॉकडाउन करना ही है तो सभी जगह कीजिए, कुछ चुनिंदा बाजारों का नहीं। हम यही कहना चाहते हैं कि सभी बाजारों को बंद कीजिए, केवल कुछ बाजारों को नहीं। ‘वर्क फ़्रोम होम’ को प्रोत्साहित कीजिए ताकि लोग बाहर कम निकलें और मेट्रो की सेवाएँ किस प्रकार से सुनिश्चित करनी है ये भी आप देखिए।”
उल्लेखनीय है कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को संकेत दिए थे कि बाजारों को फिर से लॉकडाउन किया जा सकता है। इसके अलावा शादियों में 200 लोगों तक के शामिल होने की अनुमति को घटाकर 50 करने का प्रस्ताव दिल्ली सरकार ने उप-राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा है।
अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि दिल्ली में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बाजारों में छोटे स्तर पर लॉकडाउन करने का एक प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को को भेजा गया है। अगर सरकार को लगता है कि वो बाजार लोकल कोरोना हॉट स्पॉट बन सकता है तो एहतियात के तौर पर कुछ समय के लिए बाजार को बंद कर सकते हैं।
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