जामिया के छात्र रहे और पुलित्जर सम्मानित पत्रकार दानिश सिद्दीकी की काबुल में मौत

जामिया के छात्र रहे और पुलित्जर सम्मानित पत्रकार दानिश सिद्दीकी की काबुल में मौत

भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की काबुल में मौत हो गई है। यह घटना स्पिन बोल्डक जिले में एक संघर्ष के दौरान हुई। वे पिछले कुछ दिनों से कंधार में अफगान सरकार और तालिबान के बीच चल रहे संघर्ष को कवर कर रहे थे। खबरों के मुताबिक, उनके साथ एक और अधिकारी की मौत हुई है।

दानिश की मौत को लेकर अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने ट्वीट कर बताया, “कल रात कंधार में एक दोस्त दानिश सिद्दीकी की हत्या की दुखद खबर से बहुत परेशान हूं। भारतीय पत्रकार और पुलित्जर पुरस्कार विजेता अफगान सुरक्षा बलों के साथ कवरेज कर रहे थे। मैं उनसे 2 हफ्ते पहले उनके काबुल जाने से पहले मिला था। उनके परिवार और रायटर के प्रति संवेदना।”

रॉयटर्स ने एक अफगान कमांडर के हवाले से बताया है कि स्पिन बोल्डक शहर के मुख्य बाजार को अफगानिस्तान के विशेष सुरक्षाबल की टुकड़ी दोबारा अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही थी। जब तालिबान के साथ मुठभेड़ हुई जिसमें दानिश और एक अफगान अधिकारी मारे गए।

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रॉयटर्स के प्रमुख माइकल फ्रीरीडेनबर्ग और मुख्य संपादक अलेस्सांद्रा गैलोनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि वो इस बारे और जानकारी जुटा रहे हैं और क्षेत्र में अधिकारियों के संपर्क में हैं।

सिद्दीकी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बतौर फोटो पत्रकार जुड़े हुए थे और उन्हें फिचर फोटोग्राफी के लिए वर्ष 2018 में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत एक टेलीविजन में समाचार संवाददाता के रूप में किया। इसके बाद, वह बतौर फोटोजर्नलिस्ट 2010 में एक प्रशिक्षु के रूप में रॉयटर्स से जुड़ गए।

सिद्दीकी मुंबई में रहते थे और उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से अर्थशास्त्र में स्नातक और 2007 में जामिया में ए.जे.के. मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर से मास कम्युनिकेशन में डिग्री हासिल की थी।


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