हांगकांग में पूरे विपक्ष का एक साथ विधान परिषद से इस्तीफा देने का फैसला

हांगकांग में पूरे विपक्ष का एक साथ विधान परिषद से इस्तीफा देने का फैसला

नई दिल्ली: लोकतंत्र समर्थक हांगकांग का पूरा विपक्ष एक साथ विधान परिषद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। विपक्ष ने ये कदम चीन समर्थक सरकार को तरफ से विपक्ष के चार लोकतंत्र-समर्थक विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उठाया है। एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर हांगकांग के 15 विधायकों ने बुधवार को घोषणा किया कि वे सब 70 सीटों वाली विधान परिषद में अपनी सीटें छोड़ देंगे।

इस घटना के ठीक पहले नेशनल पीपुल्स कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी की दो दिनों तक चीन में चली बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया कि हांगकांग की आजादी का जो कोई भी समर्थन करेगा, शहर पर चीन के आधिपत्य को नहीं मानेगा, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालेगा या बाहरी शक्तियों से शहर की गतिविधियों में हस्तक्षेप करने की मांग करेगा, उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा। बता दें कि जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उन पर विदेश से मदद मांगने के ऐसे ही आरोप लगाए गए थे।

पत्रकारों से हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक खेमे के समन्वयक वू ची-वाई ने बताया, “हम सब अपने पदों से इस्तीफा देने जा रहे हैं क्योंकि हमारे साथियों, हमारे सहकर्मियों को केंद्र सरकार ने एक निर्मम चाल चलते हुए अयोग्य घोषित कर दिया।” ची-वाई ने कहा कि सामने आए ऐसी तमाम मुश्किलों के बावजूद वे लोकतंत्र के लिए ये लड़ाई नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम को सभी प्रो-डेमोक्रेसी सांसद अपना इस्तीफा सौंपने वाले हैं। हांगकांग सरकार के इस कदम को ‘बीजिंग का किया धरा’ बताते हुए एक दूसरे लोकतंत्र समर्थक सांसद क्लाउडिया मो ने कहा कि यह हांगकांग में लोकतंत्र की लड़ाई का गला घोंटने की कोशिश है।

चीन ने हांगकांग में हाल के महीनों में विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें जून में लागू हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून सबसे अहम है। हांगकांग में इस कानून के विरोध में पिछले साल से ही युवाओं के आंदोलनों की आग धधक रही थी लेकिन फिर भी चीन ने आगे बढ़कर उसे लागू कर दिया। अयोग्य करार दिए गए चार विधायकों में से एक क्वोक का-की ने कहा, “वैधता और संवैधानिकता के लिहाज से देखें तो यह साफ तौर पर बेसिक लॉ और सार्वजनिक मामलों में हिस्सा लेने के हमारे अधिकार का उल्लंघन है।” बता दें कि हांगकांग का मिनी संविधान बेसिक लॉ कहलाता है।

मीडिया से बातचीत में हांगकांग की प्रमुख कैरी लैम ने कहा कि उचित तरीके से विधायकों को पेश आना चाहिए और हांगकांग शहर को ‘देशभक्त विधायकों’ की जरूरत है। हांगकांग की विधान परिषद में प्रो-डेमोक्रेसी आंदोलन के समर्थक सभी विधायकों के इस्तीफे के बाद केवल चीन-समर्थक कानून निर्माता ही बचेंगे। वहां पहले से ही चीन-समर्थक सदस्य बहुमत में थे पर भविष्य में विपक्ष के अनुपस्थित होने के कारण कोई भी चीन-समर्थक कानून बिना किसी बहस या विरोध के पास कराया जा सकेगा।

विश्वभर की नजरें हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों पर बीते साल से ही लगी हुई हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू होने के बाद, अमेरिका और जर्मनी समेत कई पश्चिमी देशों ने इस पर सख्त प्रतिक्रियाएं भी दीं और कई देशों ने हांगकांग से अपनी प्रत्यर्पण संधियां तोड़ लीं। अमेरिका ने तो कैरी लैम और उनकी सरकार के प्रमुख लोगों के अमेरिका में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी। हालांकि, चीन ने ऐसे सभी कदमों का विरोध किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने साफ कहा है कि हांगकांग चीन का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है और हांगकांग पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया को चीनी राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप माना जाएगा।

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