केंद्र की मोदी सरकार ने तीन कृषि कानूनों का खत्म करने का एलान किया है। इसके बाद माना जा रहा था कि दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का आंदोलन समाप्त हो जाएगा। लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर बैठक शुरू हो गई है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 21, 2021
किसान नेताओं ने कहा है कि बैठक में MSP, जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा, किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज़ मुकदमें और उनकी अगली कार्ययोजना पर चर्चा होगी। pic.twitter.com/Ugwxk3Ho8X
दरअसल, दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित सिंघु बॉर्डर पर रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई। लेकिन मीटिंग में ये फैसला लिया गया कि आंदोलन को फिलहाल जारी रखा जाएगा। साथ ही लखनऊ में 22 नवंबर को किसानों की महापंचायत भी होगी।
Senior farmer leader Balbir Singh Rajewal says protests to go on as usual, SKM leaders will again meet on Nov 27 to decide imp matters, including march to parliament. Pre planned programmes to go on. SKM to write a letter to PM raising issues of MSP, Ajay Mishra, electricity etc pic.twitter.com/EfJgOUuxDH
— Vasudha Venugopal (@vasudha_ET) November 21, 2021
किसान संगठनों का कहना है कि एक तरफ लखनऊ में महापंचायत होगी तो वहीं आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर किसान जुटेंगे। इस मौके पर किसानों की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जाएगा।
किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कृषि से जुड़े दूसरे मुद्दों पर बात की जाएगी। उस पत्र में किसानों के मुद्दों पर बातचीत की अपील की जाएगी। किसान आंदोलन जारी रहेगा या फिर समाप्त हो जाएगा, इसे लेकर फैसला अब 27 नवंबर को होने वाली बैठक में लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने भी कहा था कि आंदोलन तत्काल समाप्त नहीं होगा। राकेश टिकैत ने कहा था कि अभी हमारी एमएसपी कानून बनाने और बिजली कानून को वापस लिए जाने की मांग बाकी है।
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