विपक्ष को EC ने फिर दिया झटका, तेजस्वी यादव के पोस्टल बैलेट में धांधली के दावे को किया खारिज

विपक्ष को EC ने फिर दिया झटका, तेजस्वी यादव के पोस्टल बैलेट में धांधली के दावे को किया खारिज

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के दौरान हिलसा विधानसभा सीट सबसे अधिक चर्चा में रहा। इस विधानसभा सीट पर हार-जीत का अंतर महज 12 वोट का था। जदयू प्रत्याशी का इस सीट पर जीत हुई है। लेकिन तेजस्वी यादव ने जदयू कैंडिडेट की जीत पर सवाल उठाया था। उन्होंने हिलसा समेत कई सीटों पर काउंटिंग अधिकारियों द्वारा गलत तरीके से डाक मतपत्रों को रद्द किए जाने का भी आरोप लगाया था। उन्होंने जहां-जहां वोटों का अंतर बहुत कम था उन सीटों पर पुनर्मतगणना की मांग की थी।

हालांकि, अब बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एचआर श्रीनिवास ने तेजस्वी के दावे को खारिज करते हुए एक बयाना दिया है। उन्होंने कहा कि हिलसा विधानसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम निर्वाचन आयोग द्वारा उल्लेखित प्रक्रिया के अनुसार घोषित किया गया है। जीत-हार का हिलसा सीट पर अंतर सिर्फ 12 वोट का था। एक तरह से चुनाव आयोग ने तेजस्वी के धांधली वाले दावे को खारिज कर दिया और हिलसा सीट पर जदयू की जीत को क्लीनचिट दे दिया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से 11 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जीत का अंतर 1,000 मतों से कम था। 11 विधानसभा क्षेत्रों में से जदयू ने 04, राजद ने 03, भाजपा, लोजपा, भाकपा और निर्दलीय ने एक-एक सीट जीती है।” श्रीनिवास ने कहा कि इन 11 विधानसभा सीटों में से, उम्मीदवारों या चुनाव एजेंटों ने छह निर्वाचन क्षेत्रों में वोटों की ‘फिर से गिनती’ कराने की मांग की थी।

उन्होंने कहा, “रिटर्निंग अधिकारियों ने ‘तर्कपूर्ण आदेश’ पारित किया है, पांच सीटों पर जीत के लिए पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया। नालंदा जिले के हिलसा निर्वाचन क्षेत्र में जीत का अंतर (12 मत) अस्वीकृत डाक मतपत्रों (182) की तुलना में कम होने के कारण फिर से गिनती की याचिका स्वीकार कर ली गई। हिलसा में जदयू के उम्मीदवार को महज 12 वोटों से जीत मिली, जबकि ‘अस्वीकार किए गए पोस्टल बैलेट’ की संख्या 182 थी, जबकि पांच निर्वाचन क्षेत्रों- रामगढ़, मटिहानी, भोरे, डेहरी और परबत्ता में- जीत का अंतर ‘अस्वीकृत पोस्टल मतपत्र’ से अधिक था।”

सीईओ ने कहा कि ईसीआई द्वारा 18 मई, 2019 को जारी किए गए नए निर्देशों के मुताबिक, हिलसा के मामले में ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि हिलसा में रिटर्निंग ऑफिसर ने पूरे डाक मतपत्रों की फिर से गिनती की और इस संबंध में एक तर्कपूर्ण आदेश पारित किया गया। सीईओ ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि उनका कार्यालय संबंधित दस्तावेज और वीडियोग्राफी की प्रति संबंधित पार्टी / पार्टियों को उपलब्ध कराएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि मतगणना केंद्र के अंदर कौन मोबाइल फोन ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि ईवीएम से मतों की गिनती डाक मतपत्रों की गिनती के 30 मिनट के बाद शुरू होती है और उसके बाद मतगणना अलग-अलग हॉलों में एक साथ चलती है जिसकी वीडियोग्राफी भी होती है।

दरअसल, तेजस्वी ने डाक मतपत्रों को भारी संख्या में रद्द किए जाने का आरोप लगाते हुए पुनर्मतगणना की मांग की थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि डाक मतपत्रों की गिनती कुछ सीटों पर बाद में की गई जबकि इसकी गिनती सबसे पहले की जाती है। सीईओ ने इससे पहले आज बिहार विधानसभा के सभी 243 नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को सौंपी।

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