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मीरा मेघमाला की कविताएँ: सुगंध की गलियाँ, एक शव संस्कार, रोशनी और संगमरमर की कब्र
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मीरा मेघमाला की कविताएँ: सुगंध की गलियाँ, एक शव संस्कार, रोशनी और संगमरमर की कब्र

मीरा मेघमाला मैसूर यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम.ए.। इनकी कन्नड़, कोंकणी और हिन्दी में कविता, कहानी और लेख कई पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल में प्रकाशित। इन्होंने कन्नड़ साहित्य क्षेत्र में ‘कादम्बिनी रावी’ नाम से 2014 से लिखना शुरू किया। इनके ‘हलगे मत्तु मेदुबेरळु’, ‘काव्य कुसुम’, ‘कल्लेदेय मेले कूत हक्कि’ कविता संकलन प्रकाशित। फिलहाल, कर्नाटक में...

सआदत हसन मंटो की कहानी: टू टू
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सआदत हसन मंटो की कहानी: टू टू

मैं सोच रहा था, दुनिया की सबसे पहली औरत जब माँ बनी तो कायनात का रद्द-ए-अ’मल क्या था? दुनिया के सबसे पहले मर्द ने क्या आसमानों की तरफ़ तमतमाती आँखों से देख कर दुनिया की सब से पहली ज़बान में बड़े फ़ख़्र के साथ ये नहीं कहा था, “मैं भी ख़ालिक़ हूँ।” टेलीफ़ोन की घंटी...

होली पर पढ़िए प्रेमचंद की कहानी: अंधेर
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होली पर पढ़िए प्रेमचंद की कहानी: अंधेर

नागपंचमी आई, साठे के ज़िंदा-दिल नौजवानों ने ख़ुश रंग़ जांघिये बनवाए, अखाड़े में ढोल की मर्दाना सदाएँ बुलंद हुईं क़ुर्ब-ओ-जवार के ज़ोर-आज़मा इखट्टे हुए और अखाड़े पर तंबोलियों ने अपनी दुकानें सजाईं क्योंकी आज ज़ोर-आज़माई और दोस्ताना मुक़ाबले का दिन है औरतों ने गोबर से अपने आँगन लीपे और गाती-बजाती कटोरों में दूध-चावल लिए नाग...

आज है महादेवी वर्मा का जन्मदिन, पढ़िए उनकी कहानी: बिबिया
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आज है महादेवी वर्मा का जन्मदिन, पढ़िए उनकी कहानी: बिबिया

अपने जीवनवृत्त के विषय में बिबिया की माई ने कभी कुछ बताया नहीं, किन्तु उसके मुख पर अंकित विवशता की भंगिमा, हाथों पर चोटों के निशान, पैर का अस्वाभाविक लंगड़ापन देखकर अनुमान होता था कि उसका जीवन-पथ सुगम नहीं रहा। मद्यप और झगड़ालू पति के अत्याचार भी सम्भवतः उसके लिए इतने आवश्यक हो गए थे...

प्रज्ञा मिश्र की चार कविताएं: कोहरा, सुख, मेसेंजर और प्रतीक्षा
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प्रज्ञा मिश्र की चार कविताएं: कोहरा, सुख, मेसेंजर और प्रतीक्षा

कम्प्यूटर एप्लिकेशन में स्नातकोत्तर कवयित्री प्रज्ञा मिश्र मुम्बई के बोरीवली में रहती हैं। काव्यांकुर 7, काव्यचेतना साझा संग्रह, साहित्यनामा पत्रिका व अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर कविताएँ प्रकाशित। फिलहाल सूचना एंव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत हैं। कोहरा ज़ीरो माइल से शुरुआत कीज़िन्दगी के अंजाने रास्तों परन धूप थी न गर्माहटघर में सीलन, तन में सिहरनसर्द...

नरेन सहाय की कविता: बारिश और नानी का गाँव
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नरेन सहाय की कविता: बारिश और नानी का गाँव

नरेन सहाय का बचपन टीकमगढ़, मध्यप्रदेश के खेतों, बगीचों और जंगलों में गुजरा। जामिया मिलिया इस्लामिया से मास कम्युनिकेशन में स्नातकोत्तर की उपाधि अर्जित करने वाले सहाय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की योजनाओं में फोटोग्राफी, वीडियो आर्ट, सिनेमा और प्रोडक्शन्स से जुड़े रहे हैं। विजुअल मीडियम के बतौर अतिथि शिक्षक जामिया में कार्यरत रहे हैं।...

बिनोद कुमार राज ‘विद्रोही’ की कविता: तेरी भोंसड़ी के
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बिनोद कुमार राज ‘विद्रोही’ की कविता: तेरी भोंसड़ी के

जी साहेब, जोहारसच कहता हूंमेरे दादा ने बताया था कियहाँ बहुत घनघोर जंगल हुआ करता थाआज से दुगुनाचारों ओर पहाड़ियों से घिरातब हमारे पूर्वजों नेजंगल के बीचों-बीचझाड़-झंझाड़-पुटुस को साफ किया थारहने लायक झोपड़ी बनाया थाजमीन को भी उपजाऊ बनाया था… हाँ साहेब,आज भी पूर्वजों के पसीने की गंध फैली हुई हैहर घर मेंआंगन मेंखेतों मेंखलिहानों...

बानो कुदसिया की कहानी: न्यू वर्ल्ड ऑर्डर
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बानो कुदसिया की कहानी: न्यू वर्ल्ड ऑर्डर

ड्राइंग रुम का दरवाज़ा खुला था। ताहिरा गैलरी में खड़ी थी। यहां उनका डोर प्लांट, दीवारों के साथ सजे थे। फ़र्श पर ईरानी क़ालीन के टुकड़े थे। दीवार पर आराइशी आईना नस्ब था। लम्हा भर को उस आईने में ताहिरा ने झांक कर देखा। अपने बाल दुरुस्त किए और खुले दरवाज़े से ड्राइंग रुम में...

मीरा मेघमाला की तीन कविताएँ: तड़प, तकिया और कैसे मर जाएं झट से!
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मीरा मेघमाला की तीन कविताएँ: तड़प, तकिया और कैसे मर जाएं झट से!

मीरा मेघमाला मैसूर यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम.ए.। इनकी कन्नड़, कोंकणी और हिन्दी में कविता, कहानी और लेख कई पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल में प्रकाशित। इन्होंने कन्नड़ साहित्य क्षेत्र में ‘कादम्बिनी रावी’ नाम से 2014 से लिखना शुरू किया। इनके ‘हलगे मत्तु मेदुबेरळु’, ‘काव्य कुसुम’, ‘कल्लेदेय मेले कूत हक्कि’ कविता संकलन प्रकाशित। फिलहाल, कर्नाटक में...

पाकिस्तान के मशहूर अदीब अशफ़ाक़ अहमद की कहानी: अम्मी
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पाकिस्तान के मशहूर अदीब अशफ़ाक़ अहमद की कहानी: अम्मी

वो बड़े साहिब के लिए ईद कार्ड ख़रीद रहा था कि इत्तिफ़ाक़न उसकी मुलाक़ात अम्मी से हो गई। एक लम्हे के लिए उसने अम्मी से आँख बचा कर खिसक जाना चाहा लेकिन उसके पांव जैसे ज़मीन ने पकड़ लिये और वो अपनी पतलून की जेब में इकन्नी को मसलता रह गया। अचानक अम्मी ने उसे...