दुनियाभर में डायबिटीज यानी मधुमेह के मरीजों की संख्या में बेतहासा बढ़ोतरी हो रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2030 तक लगभग 90 मिलियन लोग डायबिटीज टाइप-2 के शिकार हो जाएंगे।
Author: Habib Ur Rahman (हबीब उर रहमान)
ऑनलाइन शॉपिंग का सबसे सही और स्मार्ट तरीका क्या है? पढ़ें टॉप 10 टिप्स
ऑनलाइन खरीदारी करते समय किन विकल्पों को चुनना चाहिए और खरीदारी का सही और आसान तरीका क्या है। आज हम इन कुछ बातों पर चर्चा करेंगे ताकि डिजिटल वर्ल्ड में आप और स्मार्ट हो सकें। आज हम सीखेंगे कि स्मार्ट तरीके से खरीदारी कैसे की जाती है।
नहाने का सबसे अच्छा साबुन कौन है? जानिए किसमें होती है क्या खासियत
कई लोग नहाने के लिए टॉयलेट साबुन को ही इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन ऐसा करना सही नहीं है। अच्छे गुणवत्ता वाले साबुन का टीएफएम लेवल ज्यादा होता है जबकि टॉयलेट साबुन का टीएफएम स्तर काफी कम होता है।
आप अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स के बारे में क्या जानते हैं? यह खतरनाक क्यों!
अक्सर हम अपने दैनिक खानपान में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का इस्तेमाल करते हैं। शायद ये इसलिए है क्योंकि इसके नुकसान को लेकर हमलोग अंजान हैं। सच कहा जाए तो इनका अधिक सेवन गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। पर अब सवाल उठता है कि हम ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में क्या जानते हैं?
दोपहर में सोना सेहत के लिए कैसा होता है? जानिए साइंस क्या कहता है
मेडिकल विशेषज्ञ रात में कम-से-कम 7 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इसका पालन नहीं करते हैं। कारण जो भी हो, यह सर्वविदित है कि नींद की कमी स्वास्थ्य के लिए विनाशकारी हो सकती है, और इसका समाधान यह है कि आप दोपहर में थोड़ी देर के लिए नींद या झपकी लें।
डिप्रेशन क्या है? इसकी पहचान और इलाज कैसे किया जा सकता है!
प्रेशन या अवसाद एक मानसिक रोग है। आज इसके कारण लगातार सुसाइड की खबरें आ रही हैं। इंडिया टुडे वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया की डिप्रेरेस्ट कंटरी है यानी भारत में सबसे अधिक लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। रिपोर्ट के
वैज्ञानिकों के मुताबिक, सेहत के लिए सबसे अच्छे जूते कौन होते हैं?
मान लीजिए आज पथरीले और उबर-खाबड़ रास्ते से जा रहे हों, या समूद्र के किनारों से गुजर रहे हों; और आप खाली पैर हों, चप्पल पहने या गैर-आरामदायक जूते पहने हुए हों, फिर आपको कैसा लगेगा! जाहिर-सी बात है चंद कदमों का सफर मिलों की दूरी लगेगी।
नौशाद क्यों कहते थे- हमारे जमाने में दर्जी की इज्जत संगीतकार से अधिक थी
नौशाद साहब के हाथ में उनकी माँ का खत था, जिसमें उन्हें खबर सुनाई गई थी कि उनका रिश्ता अब तय कर दिया गया है और वह फौरन बंबई से लखनऊ का सफर शुरू कर दें। नौशाद साहब को यह बात काफी नागवार गुजरी कि उनकी माँ ने उनकी मर्जी के बगैर उनकी शादी करने...
आपने साल 2019 की इन 10 हॉरर फिल्मों को देखा है, अगर नहीं तो जरूर देखें
यूनानी दार्शनिक अरस्तू के मुताबिक, चेतन प्रक्रिया से डरावनी कहानियों और हिंसक नाटकों के माध्यम से नकारात्मक भावनाओं को खत्म किया जा सकता है। इन्हीं कारणों के चलते कला जगत के लोग डर और भय को अपनी रचनाओं में इस्तेमाल करते आए हैं। डर का अपना एक अलग मनोविज्ञान है और ये एक नकारात्मक क्रिया...
‘शोले’ के बाद अमजद खान ने फिर कभी सलीम-जावेद की जोड़ी के साथ काम क्यों नहीं किया?
यह दास्तान है ‘दो इनकार’ की। जो अगर नहीं की जातीं, तो शायद बॉलीवुड का एक अलग नक्शा होता। और यह भी हो सकता है कि निगेटिव किरदारों में वह रुझान नहीं आते जो एक विलेन के रूप में देखने को मिलते हैं। शायद वह डर और दहशत दर्शक महसूस नहीं कर पाते जो खलनायक...