इस्राइल का शरणार्थी शिविरों पर हमला, 36 बच्चों सहित 137 फिलिस्तीनियों की मौत, 920 घायल

इस्राइल का शरणार्थी शिविरों पर हमला, 36 बच्चों सहित 137 फिलिस्तीनियों की मौत, 920 घायल

इस्राइली सैनिकों ने बीती रात कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हिंसक कार्रवाई की जिसमें 11 फिलिस्तीनी मारे गए। मारे गए लोगों में वे लोग भी शामिल हैं जो इस्राइल की तेज हवाई बमबारी और पूर्वी यरुशलम में अपने घरों से फिलिस्तीनियों के जबरन निष्कासन का विरोध कर रहे थे।

पश्चिमी गाजा के अल-शाति शरणार्थी शिविर में एक इस्राइली हवाई हमले में बच्चों सहित कम-से-कम सात फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर है। जबकि मलबे में 20 लोगों के दबे होने की भी आशंका जताई गई है।

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को इस्राइली कब्जे वाले वेस्ट बैंक में विरोध-प्रदर्शन के दौरान इस्राइली बलों के हमले में 10 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, और जेनिन के पास याबाद में एक अवैध इस्राइली बस्ती के पास एक इस्राइली सैनिक को चाकू मारने की कोशिश के दौरान एक अन्य की मौत हो गई।

अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने शनिवार को गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए और तोप के गोले दागे, जिसमें एक शरणार्थी शिविर में कई बच्चे और महिलाएं मारे गए। आज तड़के तक, 36 बच्चों सहित कम-से-कम 137 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 920 घायल हुए हैं।

इस्राइल का शरणार्थी शिविरों पर हमला, 36 बच्चों सहित 137 फिलिस्तीनियों की मौत, 920 घायल

माना जा रहा है कि मरने वालों की संख्या में और भी इजाफा हो सकता है। क्योंकि इस्रायल के फिलिस्तीनियों पर लगातार हवाई हमले कर रहा है। गाजा में कई शरणार्थी शिविरों को भी उसने निशाना बनाया है।

इस्रायल के ताजा हिंसक हमलों बाद बचने के लिए हजारों फिलिस्तीनी परिवारों ने उत्तरी गाजा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूलों में शरण ली है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि यह अनुमान है कि लगभग 10 हजार फिलीस्तीनी इस्रायल के आक्रमण के बीच गाजा में अपने घर छोड़ चुके हैं।

इस्राइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि ये हाल के सालों में हमास के खिलाफ उनका अब तक का सबसे बड़ा अभियान है और ये जल्द खत्म नहीं होगा। उन्होंने शुक्रवार शाम को तेल अवीव में सुरक्षा मामलों के लेकर हुई एक बैठक के बाद धमकी देते हुए कहा, “उन्होंने हमारी राजधानी पर हमला किया है और हमारे शहरों पर रॉकेट दागे हैं। उन्हें उसकी कीमत चुकानी होगी और वो इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं।”

इस्राइल का शरणार्थी शिविरों पर हमले, 36 बच्चों सहित 137 फिलिस्तीनियों की मौत, 920 घायल

उन्होंने इससे पहले कहा था कि इस्राइली सेना गाजा में जब तक जरूरी हुआ सैन्य कार्रवाई करती रहेगी। उन्होंने एक बयान में शुक्रवार सुबह कहा, “हमास को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।” वहीं हमास के सैन्य प्रवक्ता ने कहा है कि अगर इसराइली सेना जमीनी सैन्य कार्रवाई करने का फैसला करती है कि हम उन्हें कड़ा सबक सिखाएंगे।

इसी बीच इस्रायल और फिलिस्तीन दोनों पर अंतरराष्ट्रीय समूदाय ने हिंसक कार्रवाई रोकने की अपील की है। दूसरी तरफ दूसरी तरफ ताजा हालात को देखते हुए इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने कल यानी रविवार को आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में ओआईसी सदस्य देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे। ये बैठक सऊदी अरब की ओर से बुलाई गई है।

उधर, फिलिस्तीन से बाहर हमास के राजनैतिक कार्यालय के प्रमुख खालिद मशअल ने कहा है कि प्रतिरोध की शर्तें स्वीकार किए बिना कोई युद्ध विराम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस्राइली दुश्मन के साथ युद्ध विराम के लिए हमारी कुछ शर्तें हैं जिसे कबूल करना होगा।

फार्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, टीआरटी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू के दौरान खालिद मशअल ने कहा, मस्जिद-उल-अक्सा से अतिग्रहणकारी सैनिकों के निकलने, स्वतंत्रतापूर्वक ढंग से नमाज के आयोजन की अनुमति देने और मस्जिद-उल-अक्सा में फिलिस्तीनियों को जाने की इजाजत, इस्राइल के विरुद्ध हमले रोकने का हमास की शर्तें हैं।

उन्होंने आगे कहा, “इस्राइल को शैख जर्राह के क्षेत्र से फिलिस्तीनियों को निकालने की योजना रोक देनी चाहिए और बैतुल मुकद्दस के हालिया तनाव के दौरान गिरफ्तार लोगों को छोड़ देना चाहिए और गाजा पर हमले बंद कर देने चाहिए।” उन्होंने बैतुल मुकद्दस और गाजा के विरुद्ध हमले रुकवाने के लिए तुर्की, कतर और मिस्र की कार्यवाहियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि हमास ने मध्यस्थों को यह सूचना दे दी है कि दुश्मन को हमले रोकने होंगे।


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