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सआदत हसन मंटो की कहानी ‘टोबाटेक सिंह’
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सआदत हसन मंटो की कहानी ‘टोबाटेक सिंह’

बटवारे के दो-तीन साल बाद पाकिस्तान और हिंदोस्तान की हुकूमतों को ख़्याल आया कि अख़लाक़ी क़ैदियों की तरह पागलों का तबादला भी होना चाहिए यानी जो मुसलमान पागल, हिंदोस्तान के पागलख़ानों में हैं उन्हें पाकिस्तान पहुंचा दिया जाये और जो हिंदू और सिख, पाकिस्तान के पागलख़ानों में हैं उन्हें हिंदोस्तान के हवाले कर दिया जाये।...

गोपाल राम गहमरी की कहानी: गुप्तकथा
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गोपाल राम गहमरी की कहानी: गुप्तकथा

पहली झाँकी जासूसी जान पहचान भी एक निराले ही ढंग की होती है। हैदर चिराग अली नाम के एक धनी मुसलमान सौदागर का बेटा था। उससे जासूस की गहरी मिताई थी। उमर में जासूस से हैदर चार पाँच बरस कम ही होगा, लेकिन शरीर से दोनों एक ही उमर के दीखते थे। मुसलमान होने पर...

मन्नू भंडारी की कहानी- स्त्री सुबोधिनी
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मन्नू भंडारी की कहानी- स्त्री सुबोधिनी

प्यारी बहनो, न तो मैं कोई विचारक हूँ, न प्रचारक, न लेखक, न शिक्षक। मैं तो एक बड़ी मामूली-सी नौकरीपेशा घरेलू औरत हूँ, जो अपनी उम्र के बयालीस साल पार कर चुकी है। लेकिन उस उम्र तक आते-आते जिन स्थितियों से मैं गुजरी हूँ, जैसा अहम अनुभव मैंने पाया… चाहती हूँ, बिना किसी लाग-लपेट के...

ख़्वाजा अहमद अब्बास की कहानी: दिवाली के तीन दीये
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ख़्वाजा अहमद अब्बास की कहानी: दिवाली के तीन दीये

पहला दीया दीवाली का ये दीया कोई मामूली दीया नहीं था। दीये की शक्ल का बहुत बड़ा बिजली का लैम्प था। जो सेठ लक्ष्मी दास के महलनुमा घर के सामने के बरामदे में लगा हुआ था। बीच में ये दीयों का सम्राट दीया था और जैसे सूरज के इर्द-गिर्द अन-गिनत सितारे हैं, इसी तरह इस...

अली सरदार जारी की कहानी: चेहरु माँझी
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अली सरदार जारी की कहानी: चेहरु माँझी

हवा बहुत धीमे सुरों में गा रही थी, दरिया का पानी आहिस्ता-आहिस्ता गुनगुना रहा था। थोड़ी देर पहले ये नग़्मा बड़ा पुर-शोर था लेकिन अब उसकी तानें मद्धम पड़ चुकी थीं और एक नर्म-ओ-लतीफ़ गुनगुनाहट बाक़ी रह गई थी। वो लहरें जो पहले साहिल से जा कर टकरा रही थीं, अब अपने सय्याल हाथों से...

अमृता प्रीतम के जन्मदिन पर पढ़ें उनकी पंजाबी कहानी: यह कहानी नहीं
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अमृता प्रीतम के जन्मदिन पर पढ़ें उनकी पंजाबी कहानी: यह कहानी नहीं

पत्थर और चूना बहुत था, लेकिन अगर थोड़ी-सी जगह पर दीवार की तरह उभरकर खड़ा हो जाता, तो घर की दीवारें बन सकता था। पर बना नहीं। वह धरती पर फैल गया, सड़कों की तरह और वे दोनों तमाम उम्र उन सड़कों पर चलते रहे….। सड़कें, एक-दूसरे के पहलू से भी फटती हैं, एक-दूसरे के...

हरभजन सिंह मेहरोत्रा की कहानी: कुख्यात
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हरभजन सिंह मेहरोत्रा की कहानी: कुख्यात

हरभजन सिंह मेहरोत्रा लेखक, कथाकार और प्रौद्योगिकविद् हैं। इन्होंने लेखन के साथ ‘रमतदीप’ पत्रिका का संपादन भी किया। उपन्यास ‘अनास जिन्दगी’ प्रकाशित, साहित्यकारों पर लिखे व्यक्ति चित्र ‘सफर के साथी’ का प्रकाशन 1988 में हुआ। तकनीकी अध्ययन से संबन्धित कई पुस्तकें प्रकाशित हुई। कई कहानियां प्रकाशित एवं पुरस्कृत। मेरे अन्दर दाखिल होते ही उसने उचटती...

हबीब-उर-रहमान की कहानी: चोर की माँ
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हबीब-उर-रहमान की कहानी: चोर की माँ

जब तेइसवां रोजा बीत गया तब उसे लगा कि अब देर हो रही है। हालाँकि, वह नहीं चाहता था कि इस बार ईद पर घर जाए। घर जाओ तो पचास तरह के झंझट, खासकर ट्रेन का टिकट लेना सबसे बड़ी मुसीबत का काम है। पहले लंबी लाइन में लगो और उसके कुछ ही सेकंड में...

मदर डे पर पढ़ें दिवंगत प्रेमरंजन भारती की कविता- माँ और मुक्ति
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मदर डे पर पढ़ें दिवंगत प्रेमरंजन भारती की कविता- माँ और मुक्ति

दिवंगत प्रेमरंजन भारती विनोबा भावे विश्वविद्यालय में हिंदी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर थे। बीते दिनों कोरोना के कारण अकाल मृत्यु के शिकार हो गए। हिंदी साहित्य में उनकी गहरी रुचि थी। समकालीन युवा कविता के उभरते हुए हस्ताक्षर। मदर डे पर उनकी दो कविताएं यहां प्रस्तुत कर रहे हैं- माँ माँ हो तुम!माँ हो तुम...

मीरा मेघमाला की कविताएँ: सुगंध की गलियाँ, एक शव संस्कार, रोशनी और संगमरमर की कब्र
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मीरा मेघमाला की कविताएँ: सुगंध की गलियाँ, एक शव संस्कार, रोशनी और संगमरमर की कब्र

मीरा मेघमाला मैसूर यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम.ए.। इनकी कन्नड़, कोंकणी और हिन्दी में कविता, कहानी और लेख कई पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल में प्रकाशित। इन्होंने कन्नड़ साहित्य क्षेत्र में ‘कादम्बिनी रावी’ नाम से 2014 से लिखना शुरू किया। इनके ‘हलगे मत्तु मेदुबेरळु’, ‘काव्य कुसुम’, ‘कल्लेदेय मेले कूत हक्कि’ कविता संकलन प्रकाशित। फिलहाल, कर्नाटक में...