पटना: बिहार विधानसभा के नतीजे करीब 18 घंटे की काउंटिंग के बाद आज आधी रात को साफ हो गए। 243 सीटों में से एनडीए को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें हासिल हुई हैं। लेकिन इस बार के चुनाव में सबसे अधिक नुकसान नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को हुआ है।
जदयू की 28 सीटें पिछली बार के मुकाबले इस बार घट गई हैं। उसकी केवल 43 सीटें आई हैं। वहीं, 21 सीटों के फायदे के साथ भाजपा 74 सीटों पर पहुंच गई। राजद सबसे बड़ा दल बनकर उभरा, जिसे 75 सीटें हाशिल हुई हैं। जबकि अन्य के खाते में आठ सीटें आई हैं।
अगर महागठबंधन में कांग्रेस की बात करें तो इसबार उसे 19 सीटें मिली हैं। गठबंधन के दूसरे दलों सीपीआईएमएल को 12 सीटें जबकि सीपीएम को 2 सीटें मिली हैं। बिहार चुनाव में सीपीआई के खाते में मात्र 2 सीटें गई हैं। सबसे खराब स्थिति इस चुनाव में एलजेपी की रही। चिराग पासवान के नेतृत्व में इस बार का चुनाव लड़ी एलजेपी को केवल एक सीट मिली है।
भाजपा को सबसे बड़ा फायदा, सबसे अधिक नुकसान जदयू को
पार्टी | सीटें (फायदा/नुकसान) |
भाजपा | 74 (+21) |
जदयू | 43 (-28) |
हम | 4 (+3) |
VIP | 4 (+4) |
कुल NDA | 125 |
राजद | 75 (-5) |
कांग्रेस | 19 (-8) |
भाकपा (माले) | 12 (+9) |
भाकपा | 2 (+2) |
माकपा | 2 (+2) |
कुल महागठबंधन | 110 |
अन्य | 8 |
इससे पहले, सुबह साढ़े दस बजे ही रुझानों में एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया था। लेकिन करीब आठ घंटे बाद यानी शाम साढ़े छह बजे के करीब तस्वीर बदल गई। एनडीए 134 से घटकर 120 पर आ गया। हालांकि, दो घंटे बाद ही उसने फिर 123 सीटों पर बढ़त के साथ रुझानों में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। वोटों का मार्जिन 23 सीटों पर दो हजार से कम था, इसलिए एनडीए की सीटें बहुमत से कम-ज्यादा होती रहीं।
हालांकि, महागठबंधन के तरफ से यह बीते शाम को आरोप लगाया गया कि उनकी 119 सीटों पर जीत हासिल हुई है लेकिन प्रशासन जान-बूझकर सर्टिफिकेट नहीं दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग की साइट पर उन्हें जीतता हुआ दिखाया गया है पर सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है। कुछ समय तक ऐसा चुनाव आयोग की साइट पर देखा भी गया था।
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