मुलाकातों के सिलसिले में एक खास मुलाकात। विजुअल आर्ट के कल्पनाशील उस्ताद जो सफेद एवं काला रंग को उन्होंने आत्मसात किया है। इनके लाइन्स एक अतरंगी दुनिया में विचरित करवाने को ध्यानाकृष्ट, प्रत्येक श्रोता कल्पनाशीलता की ओर उन्मुख हो सकते हैं।
आभासी…..आभासी…..आभासी…..
परिकल्पनाओं में स्पेस
मनोभाव की अनुभूति
परत दर परत
प्रत्येक वस्तु, तत्व की अपनी प्रकृति
इन सबों की प्रकृति में कलात्मकता, लाइन्स, रंगों से अपनी रचनात्मकता का नवा स्वरूप की अनेकानेक कलाकृति रूपों को उकेरा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं चित्रकार और कलाकार हिमाद्री रमानी का। इनके कला का बीजारोपण बहुत ही शानदार था। उस दौर का शांति निकेतन। प्रकृति से ओत-प्रोत वातावरण और गुरु के रुप में अनेकानेक दिग्गज का मार्गदर्शन से इनकी रचनात्मक क्षमता को उड़ान मिली। आपने शांति निकेतन से एमएफए की डिग्री प्राप्त की। एमएफए के पश्चात जीवन यात्रा, झारखंड के रांची शहर प्रस्थान कर गए। रांची प्राकृतिक वातावरण को लेकर एक अनुठा शहर है। आपने इस शहर को स्वीकृत किया।
आप अपने कला के कार्य के लिए कोई अलग स्पेस या स्टूडियो नहीं रखा है। आपका घर, फैमिली में आपकी पत्नी शिल्पी रमानी जो खुद मूर्तिकार हैं और एक पुत्र; कला सबों का सम्मिश्रित स्पेस के वातावरण में एक अलग ही रंग अनुभूति का सम्मिश्रण है।
मन के भाव
प्रकृति प्रभाव
तन को झंकृत
रंग है
लाईनस है
यह तो मनोभाव है
आपकी रचना सचमुच प्रत्येक श्रोता को अपने मनोभाव के श्रृंखलाओं को, टटोलने को प्रवाहित करती है।
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