थायराइड को अमुमन एक सामान्य बीमारी समझा जाता है पर यह एक गंभीर बीमारी है। आज हर 10 व्यक्ति में एक इस रोग से ग्रसित है। इस रोग के होने का सबसे बड़ा कारण है खाने में आयोडीन की कमी और खराब लाइफस्टाइल। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स थाइराइड को ‘साइलेंट किलर’ कहते हैं।
थायराइड रोग दो प्रकार के होते हैं। पहला हाइपोथायरायडिज्म (अंडर एक्टिव थायराइड) और दूसरा हाइपरथायराइडिज्म (ओवर एक्टिव थायरइड)। सबसे ज्यादा लोग हाइपोथायरायडिज्म से ग्रसित पाए जाते हैं।
थायराइड के लक्षण आम लक्षण हैं- थकान लगना, वजन बढ़ना, कब्ज, ठंड के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाना, जोड़ों में दर्द, बालों का झड़ना वगैरह।

थाइराइड होने पर कई चीजें खाने की मनाही रहती है। जैसे- दही, नींबू, चावल और भी बहुत सारी है जो नहीं खाना चाहिए। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जिसके बारे में हम जानते हैं कि हेल्दी है पर थाइराइड में खाना है या नहीं ये न जानने कारण उसे अपने आहार में शामिल कर लेते हैं, जो बहुत ही नुकसानदायक होता है।
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थाइराइड पेशेंट को लगता है कि हम तो दवा खा रहे हैं फिर भी ठीक नहीं हो रहे। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं पांच ऐसे फूड्स के बारे में जो सामान्य लोगों के लिए तो बहुत हेल्दी हैं, लेकिन हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों को इन्हें कभी नहीं खाना चाहिए।
चाय और कॉफी
थायराइड पेशेंट वालों को हमेशा याद रखना है कि कैफीन वाले फूड्स को नहीं लेना है। इसका सेवन बहुत ही हानिकारक है। और आपको तो पता ही है कि चाय और कॉफी दोनों में ही कैफीन होता है, इसलिए आपको इनका सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप इसके आदि हैं तो इसका कम सेवन करें। कोशिश करें कि चाय या कॉफी पीने की आदत छूट जाएं।
अलसी के बीज

अलसी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में होता है, जो हार्ट के रोगों से और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से बचाता है। मगर थायराइड के पेशेंट के लिए अलसी का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
थायराइड रोगी थोड़ी मात्रा में (एक दिन में 2 चम्मच) अलसी के बीजों का सेवन कर सकते हैं, मगर अधिक सेवन ठीक नहीं है। क्योंकि अलसी में सायनोजेन (Cyanogen) होता है। इसके अलावा अलसी भी गोईट्रोगेनिक (goitrogenic) फूड है, जिसके कारण थायराइड रोगियों को घेंघा हो सकता है।
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फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली, सरसों का साग
जैसा कि आपको पता है कि फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली और सरसों का साग बहुत ही हेल्दी माना जाता है। ब्रोकली के बारे में कहा जाता है कि दुनिया की सबसे हेल्दी सब्जियों में एक है। मगर हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों के लिए ये यह हानिकारक होती है।
विज्ञान के अनुसार ये सब्जियां एक ही फैमिली की हैं, जिसे क्रुसीफेरस वेजिटेबल्स (Cruciferous vegetables) कहा जाता है। इन सब्जियों को खाने से थायराइड रोगी को घेंघा नामक रोग हो सकता है क्योंकि इन्हें goitrogenic माना जाता है। थायराइड रोगियों को इन सब्जियों को खाने से दिक्कत हो सकती है।
सोयाबीन और सोया से बने प्रोडक्ट्स

सोयाबीन प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए हफ्ते में 3-4 दिन खाने को कहा जाता है। लेकिन हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों को सोयाबीन और सोयाबीन से बने प्रोडक्ट्स (सोया मिल्क, टोफू, सोया बड़ी, सोया चाप) आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल, सोयाबीन में एस्ट्रोजन होता है। ये एक ऐसा हार्मोन है, जो थायराइड हार्मोन को कमजोर करता है। इसलिए थायराइड पेशेंट सोयाबीन न खाएं, तो ज्यादा बेहतर है।
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स्ट्रॉबेरी और आडू

दुनिया में जितने भी फल हैं सभी हेल्दी होते हैं। उसी तरह से स्ट्रॉबेरी और आडू भी हैं। लेकिन अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो आपको इन दोनों फलों से तौबा कर लेनी चाहिए। ये दोनों फल भी आपके शरीर में आयरन को अवशोषित होने से रोकते हैं और थायराइड फंक्शन में बाधक बनते हैं। इसके अलावा अगर आप थायराइड रोग के लिए कोई दवा खा रहे हैं, तो दवा का असर यह फल कम कर देता है। इसलिए थायराइड पेशेंट को इन्हें भी नहीं खाना चाहिए
ये थे कुछ नैचुरल फूड्स जो हर व्यक्ति रोजमर्रा खानपान के डाइट में इस्तेमाल करता है। इसलिए आप इन पांचों का सेवन न करें। साथ ही इससे संबंधित सलाह अपने डॉक्टर से लें।
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