ओस की बूंदें सुबह के ओस की बूँदों का छुअन, निश्छल प्रेम का अहसास कराती है।यह कोमल, निराकार, मासूम, अत्ममिलन का सुकून देती है। सुबह कि बेला में ज़मीन पर उगे छोटे-छोटे घासों पर,आपका इंतज़ार करती है। वृक्ष के पत्तों से टपकती कहती है,कि आओ हमसे आत्ममिलन करो। अहसास करो प्रेम के चरम स्पर्श का,आओ...
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February 14, 2021February 14, 2021ओपिनियन
वेलेंटाइन डे और पप्पू जी
प्रेम का आयातित पर्व ‘वेलेन्टाइन डे’ जैसे-जैसे निकट आता जा रहा था, पप्पू जी के दिल का रोमांच दिन-दूनी और रात चौगुनी गति से बढ़ता जा रहा था। पप्पू जी के पिता जी दिल्ली के खेल विभाग में अधिकारी थे और फिलहाल कॉमनवेल्थ घोटाले की वजह से तिहाड़ जेल में कैद थे। उनकी मां एक...
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December 16, 2020December 16, 2020लिटरेचर
फहीम अहमद की दो कविताएं: मैं कहता था कि अनगिनत सदियाँ बंध आई थी हमारे बीच
साहित्य से गहरा अनुराग रखने वाले बेहद प्रतिभाशाली फहीम अहमद ने अभी-अभी कविता लिखना प्रारंभ किया है। इनकी शुरुआती कविता में ही सुघड़ता है। इनकी कविताओं में भावना और विचार का गज़ब का संतुलन है। हमें आशा है, समूची दुनिया में गहन निराशा और डर से भरे माहौल के बीच फहीम की लेखनी एक उम्मीद...