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गोपाल राम गहमरी की कहानी: गुप्तकथा
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गोपाल राम गहमरी की कहानी: गुप्तकथा

पहली झाँकी जासूसी जान पहचान भी एक निराले ही ढंग की होती है। हैदर चिराग अली नाम के एक धनी मुसलमान सौदागर का बेटा था। उससे जासूस की गहरी मिताई थी। उमर में जासूस से हैदर चार पाँच बरस कम ही होगा, लेकिन शरीर से दोनों एक ही उमर के दीखते थे। मुसलमान होने पर...

मन्नू भंडारी की कहानी- स्त्री सुबोधिनी
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मन्नू भंडारी की कहानी- स्त्री सुबोधिनी

प्यारी बहनो, न तो मैं कोई विचारक हूँ, न प्रचारक, न लेखक, न शिक्षक। मैं तो एक बड़ी मामूली-सी नौकरीपेशा घरेलू औरत हूँ, जो अपनी उम्र के बयालीस साल पार कर चुकी है। लेकिन उस उम्र तक आते-आते जिन स्थितियों से मैं गुजरी हूँ, जैसा अहम अनुभव मैंने पाया… चाहती हूँ, बिना किसी लाग-लपेट के...

हरभजन सिंह मेहरोत्रा की कहानी: कुख्यात
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हरभजन सिंह मेहरोत्रा की कहानी: कुख्यात

हरभजन सिंह मेहरोत्रा लेखक, कथाकार और प्रौद्योगिकविद् हैं। इन्होंने लेखन के साथ ‘रमतदीप’ पत्रिका का संपादन भी किया। उपन्यास ‘अनास जिन्दगी’ प्रकाशित, साहित्यकारों पर लिखे व्यक्ति चित्र ‘सफर के साथी’ का प्रकाशन 1988 में हुआ। तकनीकी अध्ययन से संबन्धित कई पुस्तकें प्रकाशित हुई। कई कहानियां प्रकाशित एवं पुरस्कृत। मेरे अन्दर दाखिल होते ही उसने उचटती...

मदर डे पर पढ़ें दिवंगत प्रेमरंजन भारती की कविता- माँ और मुक्ति
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मदर डे पर पढ़ें दिवंगत प्रेमरंजन भारती की कविता- माँ और मुक्ति

दिवंगत प्रेमरंजन भारती विनोबा भावे विश्वविद्यालय में हिंदी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर थे। बीते दिनों कोरोना के कारण अकाल मृत्यु के शिकार हो गए। हिंदी साहित्य में उनकी गहरी रुचि थी। समकालीन युवा कविता के उभरते हुए हस्ताक्षर। मदर डे पर उनकी दो कविताएं यहां प्रस्तुत कर रहे हैं- माँ माँ हो तुम!माँ हो तुम...

मीरा मेघमाला की कविताएँ: सुगंध की गलियाँ, एक शव संस्कार, रोशनी और संगमरमर की कब्र
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मीरा मेघमाला की कविताएँ: सुगंध की गलियाँ, एक शव संस्कार, रोशनी और संगमरमर की कब्र

मीरा मेघमाला मैसूर यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम.ए.। इनकी कन्नड़, कोंकणी और हिन्दी में कविता, कहानी और लेख कई पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल में प्रकाशित। इन्होंने कन्नड़ साहित्य क्षेत्र में ‘कादम्बिनी रावी’ नाम से 2014 से लिखना शुरू किया। इनके ‘हलगे मत्तु मेदुबेरळु’, ‘काव्य कुसुम’, ‘कल्लेदेय मेले कूत हक्कि’ कविता संकलन प्रकाशित। फिलहाल, कर्नाटक में...

पाकिस्तान के मशहूर अदीब अशफ़ाक़ अहमद की कहानी: अम्मी
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पाकिस्तान के मशहूर अदीब अशफ़ाक़ अहमद की कहानी: अम्मी

वो बड़े साहिब के लिए ईद कार्ड ख़रीद रहा था कि इत्तिफ़ाक़न उसकी मुलाक़ात अम्मी से हो गई। एक लम्हे के लिए उसने अम्मी से आँख बचा कर खिसक जाना चाहा लेकिन उसके पांव जैसे ज़मीन ने पकड़ लिये और वो अपनी पतलून की जेब में इकन्नी को मसलता रह गया। अचानक अम्मी ने उसे...