शाम का वक़्त था। हर दिन की तरह उस दिन भी मैं खामोश सड़कों को देख रही थी। ज़िन्दगी में जैसे रंगों की तलाश में नज़रे यहाँ से वहाँ घूम रही थी। घर में सन्नटा पसरा था। शाम के करीब पाँच बज रहे थे। सब अपने-अपने कामों में व्यस्त थे। मेरा भी लगभग काम हो...
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December 10, 2020December 10, 2020लिटरेचर
तबस्सुम जहाँ की लघुकथा: विभाग का फैसला
[लेखिका तबस्सुम जहाँ दिल्ली स्थित केन्द्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया से उच्च शिक्षा प्राप्त की हैं। फिर वहीं से एम.फिल और पीएच-डी. की डिग्री प्राप्त कीं। स्त्री और सामाजिक मुद्दों को लेकर काफी मुखर रही हैं। कई पत्रिकाओं और अखबारों में इनकी कहानियां तथा लघुकथा प्रकाशित हो चुकी है।] मिसेज वर्मा एक बड़े कॉलेज में...