ओस की बूंदें सुबह के ओस की बूँदों का छुअन, निश्छल प्रेम का अहसास कराती है।यह कोमल, निराकार, मासूम, अत्ममिलन का सुकून देती है। सुबह कि बेला में ज़मीन पर उगे छोटे-छोटे घासों पर,आपका इंतज़ार करती है। वृक्ष के पत्तों से टपकती कहती है,कि आओ हमसे आत्ममिलन करो। अहसास करो प्रेम के चरम स्पर्श का,आओ...