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धरती के लाल : ख़्वाजा अहमद अब्बास की समानता और शोषण से मुक्ति का स्वप्न
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धरती के लाल : ख़्वाजा अहमद अब्बास की समानता और शोषण से मुक्ति का स्वप्न

1943 का बंगाल का अकाल भीषण त्रासदी थी। लगभग तीस लाख लोग भूख से काल कलवित हो गए थे। माना जाता है कि यह त्रासदी प्राकृतिक कम मानव निर्मित अधिक थी। चावल के उत्पादन में उल्लेखनीय कमी नहीं होने के बावजूद द्वितीय विश्वयुद्ध की परिस्थितियों के चलते ब्रिटिश सरकार की अदूरदर्शिता के कारण, बर्मा पर...