आज है सायरा बानो का जन्मदिन, उनकी जिंदगी की वो बातें जो आप नहीं जानते

आज है सायरा बानो का जन्मदिन, उनकी जिंदगी की वो बातें जो आप नहीं जानते

दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो 60 के दशक में बॉलीवुड के सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक थीं। वह जब 16 साल की थीं तब उन्होंने पहली बार शम्मी कपूर के साथ फिल्म ‘जंगली’ में काम किया। उसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा। उनके परिवार में एक से बढ़कर एक दिग्गज रहे हैं। सायरा बानो का जन्म 23 अगस्त 1944 को हुआ था। उनकी जिंदगी से जुड़े कई अनसुने किस्से हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

सायरा बानो की माँ भी एक एक्ट्रेस थीं और उनका नाम नसीम बानो था। उनके पिता एहसान खान एक फिल्म प्रोड्यूसर थे जो कि देश बंटवारे के वक्त पाकिस्तान से भारत आ गए थे। बहुत ही कम लोगों को पता है कि 1940 के दशक में नसीम बानो एक सफल अभिनेत्री थीं। वह इतनी खूबसूरत थीं कि उन्हें ‘परी चेहरा’ कहा जाता था।

आज है सायरा बानो का जन्मदिन, क्या आप उनकी जिंदगी के ये अनकहे किस्से जानते हैं?

नसीम बानो ने भारतीय सिनेमा के दिग्गज सोहराब मोदी के प्रोडक्शन में कई फिल्मों में काम किया। उनकी फिल्म ‘पुकार’ एक बड़ी हिट फिल्म थी जिसमें उन्होंने मुगल महारानी नूरजहां का किरदार निभाया था।

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माँ नसीम बानो हमेशा से चाहती थीं कि उनकी बेटी शायरा बानो को अच्छी शिक्षा मिले। एक इंटरव्यू में सायरा बानो ने खुलासा किया था, “मैं लंदन के एलिट स्कूल क्वींस हाउस से पढ़ी हूं। मेरी माँ नसीम को फिल्म इंडस्ट्री का परी चेहरा या खूबसूरती की रानी कहा जाता था। उन्होंने जब मुझे उनके घाघरा, लिपस्टिक में उनकी फिल्मों के गानो पर डांस करते हुए देखा तो मुझे लंदन ले गईं। उनके लिए फिल्मों से ज्यादा पढ़ाई जरूरी थी। मेरी नानी, माँ और मेरा भाई सुल्तान मेरे साथ रहते थे जिससे मैं पढ़ाई पर ध्यान दे सकूं।”

सायरा ने बताया था कि उनकी नानी एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका थीं। उनके घर में हमेशा कला, संस्कृति वाला माहौल था। उन्होंने बताया, “मेरी नानी शमशाद बेगम जानी-मानी शास्त्रीय गायिका थीं जो लंदन में रहती थीं। हम घर पर फिल्म, संगीत और साहित्य से जुड़े कई लोगों को देखते थे। इनमें बड़े गुलाम अली खान, महबूब खान, ख्वाजा अहमद अब्बास, के. आसिफ सहित अन्य लोग नियमित रूप से हमसे मिलने आते थे। उस वक्त रामानंद सागार, कमाल अमरोही फिल्म ऑफर करते थे लेकिन मेरी माँ उनसे कहती थीं इनके सामने फिल्म की बातें न करें।”

हालांकि, सायरा बानो की दूरी फिल्मों से अधिक दिनों तक नहीं रही। निर्माता-निर्देशक सुबोध मुखर्जी ‘जंगली’ नाम से एक फिल्म बना रहे थे और मुख्य भूमिका निभाने के लिए उन्हें एक खूबसूरत और मासूम-सी दिखने वाली लड़की चाहिए थी। जंगली में उनके साथ थे शम्मी कपूर। यह फिल्म बड़ी साबित हुई। फिर क्या था सायरा बानो का करियर निकल पड़ा। फिल्म ‘जंगली’ के फिल्मफेयर का पुरस्कार मिला था।

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इसके बाद सायरा बानो ने सामने फिल्मों झड़ी लग गई। एक के बाद एक आई- ‘आई मिलन की बेला’, ‘शागिर्द’, ‘दीवाना’, ‘पड़ोसन’ और ‘आरोप’। हमेशा से सायरा बानो फिल्मों के अलावा अपनी निजी जिदंगी को लेकर भी सुर्खियों में रही हैं। दिलीप कुमार के साथ उनकी प्रेम कहानी काफी चर्चा में रही है। सायरा बानो दिलीप कुमार की जिंदगी के आखिरी समय तक उनके साथ रहीं और उनका पूरा ख्याल भी रखा।

दिलीप कुमार को सायरा बानो कोहिनूर कहती थीं। वह लगभग पांच दशकों तक दिलीप कुमार के साथ साये की तरह रहीं। हर पल ख्याल रखती थीं और एक पल भी अकेला नहीं छोडती थीं। यह बात खुद सायरा बानो अपने कई इंटरव्यू और सोशल मीडिया के जरिए बोल चुकी हैं। इतना नहीं सायरा बानो ने सोशल मीडिया के जरिए यह भी बताया था कि दिलीप कुमार के अलग होकर वह भी अकेला महसूस करती थीं।

आज है सायरा बानो का जन्मदिन, उनकी जिंदगी की वो बातें जो आप नहीं जानते

सायरा बानो ने एक बार लिखा था, “कई वर्षों से हमारे साथ यह सिलसिला चलता आ रहा है। पिछले 29 जून को शायद जीवन में पहली बार ऐसा मौका आया जब मैं बिना अपने कोहिनूर (दिलीप कुमार) के किसी समारोह में गई। तन्हा महसूस कर रही थी। असिया फारुखी की बेटी निदा के निकाह में गई थी। बिना साहब के बहुत ही अकेलापन महसूस हो रहा था। लेकिन बहुत से लोगों से मिलने का मौका मिला। कृपया मेरे कोहिनूर की सेहत और खुशियों के लिए इसी तरह दुआएं करते रहिए।”

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कहा जाता है कि सायरा बानो से मिलने के लिए दिलीप कुमार रोजाना मुंबई से फ्लाइट पकड़ कर चेन्नई जाया करते थे। फिर मुलाकात के तुरंत बाद फ्लाइट लेकर मुंबई आ जाया करते थे। सायरा को अपने साथ घुमाने के लिए दिलीप साहब उनके घरवालों से परमिशन भी लेते थे। दोनों ने 11 अक्टूबर 1966 को शादी कर ली थी। उस समय सायरा 22 और दिलीप उनसे दोगुने 44 साल के थे।


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