एक 1961 की ठंड दोपहर, जब मोहम्मद रफी फिल्म ‘माया’ के लिए एक गीत रिकॉर्ड करने पहुंचे, तो लता मंगेशकर और संगीतकार सलिल चौधरी उनका इंतजार कर रहे थे। यह दो गाना था जो रफी-लता की आवाज़ में देव आनंद और माला सिन्हा के लिए गाया जाने वाला था। सलिल चौधरी की मधुर धुन पर मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे गाने का मुखड़ा था- ‘तस्वीर तेरा जिस दिन में उतारी है…‘। लेकिन इस गाने के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसके जिसके चलते लता-रफी के बीच पूरे तीन सालों तक बातचीत बंद हो गई। क्या वो वजह। देखें वीडियो और जानें!
[प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।]
Leave a Reply