जब मोहम्मद रफी के पैरों से लिपट किशोर कुमार फूट-फूटकर रोने लगे

जब मोहम्मद रफी के पैरों से लिपट किशोर कुमार फूट-फूटकर रोने लगे

लीजेंड प्लेबैक सिंगर किशोर कुमार वो नाम है, जिसे इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री को शिखर पर पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है। किशोर कुमार ने तीन दशक तक इंडस्ट्री पर राज किया। उनकी लोकप्रियता का ये आलम था कि उन्हें 8 बार बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। उन्होंने एक के बाद एक कई हिट गाने फिल्म इंडस्ट्री को दिए थे। इस दौरान एक और लीजेंड सिंगर थे जो उनसे पहले और तब बहुत लोकप्रिय हुआ करते थे। उनका नाम था- मोहम्मद रफी।

मोहम्मद रफी और किशोर कुमार की दोस्ती को लेकर कई किस्से मशहूर हैं। हालांकि, कइयों ने दावा किया था कि किशोर कुमार, मोहम्मद रफी तो एक-दूसरे को पसंद तक नहीं करते थे और यहां तक की कभी एक-दूसरे से मिलना भी पसंद नहीं करते थे।

इस संबंध में किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार ने एक इंटरव्यू में बात करते हुए दोनों की दोस्ती का एक किस्सा सुनाया था। तब अमित बहुत छोटे हुआ करते थे और अक्सर अपने बाबा यानी किशोर कुमार के साथ कार्यक्रमों में शिरकत किया करते थे।

जब मोहम्मद रफी के पैरों से लिपट किशोर कुमार फूट-फूटकर रोने लगे
मोहम्मद रफी और किशोर कुमार (फोटो: पिंटरेस्ट)

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मोहम्मद रफी जिनके लोग दीवाने थे उनकी 31 जुलाई 1980 को निधन हो गया। उनके मुंबई के बंद्रा स्थित घर के बाहर लोगों का तांता लग गया। फैन्स उनके अंतिम दर्शन के लिए आने लगे। रफी साहब के गुजर जाने की बात जब किशोर कुमार के पास पहुंची तो वह तुरंत अपने बेटे अमित कुमार के साथ रफी के घर पहुंचे। रफी साहब को देखते ही किशोर कुमार फूट-फूटकर रोने लगे और पैरों से लिपट गए।

अमित कुमार ने कहा था कि अपने पिता को ऐसे रोता हुआ देख वे भी बहुत ज्यादा भावुक हो गए थे। क्योंकि उन्हें संभालना भी बहुत मुश्किल हो गया था। अमित कुमार ने टीवी शो ‘द कपिल शर्मा शो’ में बताया था, “आरडी बरमन और पिताजी की दोस्ती बहुत कमाल थी। मैंने भी गाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन बाबा को पता था कि मैं पंचम दा का बहुत बड़ा फैन हूं। वो मुझे अपने साथ ले गए और उन्होंने मुझे कहा कि गाना गाओ।”

जब मोहम्मद रफी के पैरों से लिपट किशोर कुमार फूट-फूटकर रोने लगे
मोहम्मद रफी का जनाजा (फोटो: सोशल मीडिया)

अमित कुमार ने आगे कहा, “मैं भी बहुत ज्यादा डर गया था। पिताजी ने मुझे गाड़ी में बहुत लेक्चर दिया। शाम में पंचम दा का फोन आया और बोले कि कल अपने लाडले को भेजो। तो कुछ इस तरह मुझे ‘बड़े अच्छे लगते हैं’ गाना मिला था।”

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भले ही मीडिया की बनाई कहानी को लोग सच्च मानते हो पर सच्चाई एकदम अलग थी। दोनों गायकों का रिश्ता इतना नायाब था कि शायद ही इसका अंदाजा किसी को होगा। किशोर कुमार को लेकर मोहम्मद रफी के बेटे ने भी एक ऐसा ही किस्सा सुनाया था। शाह‍िद रफी ने बॉलीवुड हंगामा को दिए एक इंटरव्यू में मोहम्मद रफी और किशोर कुमार के अनछुए किस्सों को साझा किया था।

उन्होंने कहा, “वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। किशोर दा मेरे पिता की बहुत इज्जत करते थे।” किशोर दा के साथ गाने रिकॉर्ड करने के बाद रफी साहब जब घर आते थे तो कहते थे “आज बहुत मजा आया।” जब रफी साहब का पर‍िवार उनसे इसकी वजह पूछता था तब वे कहते थे, “आज किशोर दा के साथ गाना गाया।” शाह‍िद रफी का यह कहना ही मोहम्म्द रफी और किशोर कुमार की दोस्ती को जाह‍िर करने के लिए काफी है।

जब मोहम्मद रफी के पैरों से लिपट किशोर कुमार फूट-फूटकर रोने लगे
किशोर कुमार, मोहम्मद रफी और लता मंगेश्कर एक साथ (फोटो: पिंटरेस्ट)

शाह‍िद रफी ने एक और किस्सा बताया जब उनके पिता लंदन में थे। शाहिद ने बताया, “किशोद दा एक कॉन्सर्ट के लिए वहां आए थे, डैड ने किशोर दा को डिनर पर बुलाया था। और वे थोड़ी देर बाहर गए और फिर वापस आए। दोनों ने वो शाम बातें करते बहुत मजे में ब‍िताया।

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पहली दफा मोहम्मद रफी और किशोर कुमार ने 1956 में ‘भागम भाग’ में गाना एक साथ गाया था। फिर उन्होंने 1973 में ‘यादों की बारात’ फिल्म का टाइटल ट्रैक, ‘परवर‍िश’ मूवी का ‘हम प्रेमी प्यार करना चाहे’, ‘सारेगामा’, ‘तेरा जलवा तौबा है’, ‘तुमको खुश देखकर’, ‘एक रास्ता दो राही’ गाना साथ में गाया। कहते हैं कि किशोर दा अपने बाथरूम में हमेशा रफी साहब की तस्वीर चस्पा कर रखते थे।


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