जीका वायरस के मामले देश में पहली बार देखने को मिला है। जीका वायरस मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है। इस वायरस के बढ़ते मामलों के कारण केरल में अलर्ट की स्थिति बन गई है। केरल में इस वायरस की चपेट में अभी तक करीब दो दर्जन के करीब लोग आ चुके हैं।
जीका वायरस का पहला मामला एक 24 साल की गर्भवती महिला को होने पर सामने आया था। लेकिन बीते शुक्रवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने 13 और मामलों की पुष्टि की है। यानी कि मात्र 48 घंटे के भीतर ही जीका वायरस से पीड़ित 18 मरीजों की पहचान हुई है।
यह चिकनगुनिया की तरह ही होते हैं। ये वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। हालांकि, यह वायरस सबसे ज्यादा गर्भावस्था महिलाएं को अपने चपेट में ले रहा है। इसलिए गर्भवती महिलाओं, प्रजनन आयु की महिलाओं और छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
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संक्रमण के लक्षण
- बुखार का होना।
- शरीर पर लाल चकत्ते होना, दानें का होना।
- आंखों का लाल होना।
- मांसपेशियों, जोड़ों और सिर में दर्द होना।
बचाव के उपाय
शरीर को कपड़ों से ढकें
अधिक मच्छर होने पर पूरी बाज़ू और फुल पैन्ट्स पहनें। ताकि मच्छरों से शरीर का बचाव हो सके। जब भी घर से बाहर निकलें हाथ और पैर पूरी तरह से ढका हो इसका ध्यान रखें साथ ही हल्के रंग के कपड़ें पहने।
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मॉस्कीटो रेपेलेंट
घर पर समय-समय पर मॉस्कीटो रेपेलेंट से स्प्रे करें। साथ हो त्वचा पर क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें। लेकिन ध्यान रखें गर्भवती महीला या फिर छोटे बच्चों पर इन क्रीम्स या स्प्रे का इस्तेमाल न करें, इससे उन्हें नुकसान पहुंच सकता है।
पानी जमा न होने दें
आपको पता होगा कि एडीज मच्छर ठहरे हुए पानी में ही प्रजनन करते हैं। इसलिए घर के आस-पास कीचड़ का पानी, खुला नाला, पानी जमा करने वाले कंटेनरों को ढक कर रखें, फ्रीज की सफाई करते रहें और फूलों के बर्तनों में पानी को एकत्रित न होने दें। क्योंकि इन्हीं जगहों पर मच्छर अंडे दे सकते हैं।
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