ग्लूटेन होता क्या है, क्या हमें ग्लूटेन फ्री डाइट अपनानी चाहिए?

ग्लूटेन होता क्या है, क्या हमें ग्लूटेन फ्री डाइट अपनानी चाहिए?

कुछ सालों से खानपान से जुड़े जिस टेक्निकल टर्म के बारे में सुना गया वह है,‘ग्लूटेन-फ्री डाइट’। यानी कि ऐसा खानपान जिसमें ग्लूटेन न हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्लूटेन क्या है? और क्या होता है जब आप ग्लूटेन-फ्री डाइट पर शिफ्ट हो जाते हैं। तो क्या है ग्लूटेन आज जानते हैं और इसके फायदें और नुकसान के बारे में।

अचानक से दुनिया के सबसे लोकप्रिय डाइट ट्रेंड में किसी का नाम शामिल हुआ तो वह है ग्लूटेन-फ्री डाइट। अमेरिका में लगभग 31 लाख लोग ग्लूटेन-फ्री डाइट को अपना चुके हैं। भारत में भी यह बहुत ही तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है। इसके बारे में आप अक्सर अखबार और मैगजीन्स में पढ़ते होंगे। यही नहीं सुपर मार्केट्स में इसके ढेरों विकल्प उपलब्ध होते हैं।

ग्लूटेन होता क्या है, क्या हमें ग्लूटेन फ्री डाइट अपनानी चाहिए?

ग्लूटेन क्या है?

ग्लूटेन गेहूं का प्रोटीन वाला हिस्सा है, जो आटे के गुंधाने में मदद करता है। लैटिन में गोंद के लिए ग्लूटेन शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। पानी के साथ मिलाए जाने पर यह प्रोटीन भी गोंद जैसा ही काम करता है। आटे को चिपचिपा, मुलायम और लचीला बनाने में ग्लूटेन की अहम भूमिका होती है। कहने का मतलब है कि ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन है, जो गेहूं और जौ जैसे अनाजों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। वह इन अनाजों के आटे को चिपचिपा बनाता है। इस तरह हम कह सकते हैं कि पास्ता, रोटी जैसी खाने की चीजों का ग्लूटेन एक महत्वपूर्ण घटक है।

ग्लूटेन-फ्री डाइट के फायदे

जिन्हें पाचन संबंधी तकलीफ और जो वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए है ग्लूटेन फ्री डाइट। आइए जानते हैं इसके फायदे-

पचाने में आसान

ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा बहुत अधिक होती है। जिसके कारण पचाने के लिए शरीर को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए ग्लूटेन-फ्री डाइट लेने पर यह कार्ब्स की मात्रा को कम कर देते हैं, जिससे कारण भोजन आसानी से पच जाता है। और कार्ब्स कम होने के कारण वजन कम करने में भी मदद मिलती है।

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बेहतर पोषण

दरअसल, ग्लूटेन-फ्री डाइट में मोटे अनाज शामिल होते हैं। जैसे-कूटू, अमरांथ या चौलाई के बीज। इनमें पोषक तत्वों की मात्रा बहुत होती है। इसके अलावा यह प्रोटीन से भरपूर होता है जिसके कारण यह लंबे समय तक पेट को भरा रखता है। भूख नहीं लगने पर व्यक्ति ज्यादा नहीं खाता। इस तरह से वजन कम करने में मदद मिलती है।

पैकेट को डबल चेक करें

आमतौर पर डेयरी प्रॉडक्ट्स प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-फ्री होते हैं। हालांकि, बाजार में उपलब्ध फ्लेवर्ड डेयरी-प्रॉडक्ट्स में एडेटिव्स होते हैं, जिसके कारण इनमें ग्लूटेन आ जाता है। इसलिए अगर आप ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनाना चाहते हैं तो आप पैकेट को डबल चेक करें। डेयरी प्रॉडक्ट्स में थिकनर्स, माल्ट और मॉडिफाइड फूड स्टार्च डाले जाते हैं। आपको दही, पनीर, सॉर क्रीम, मक्खन और घी जैसी ग्लूटेन-फ्री चीजें खानपान में शामिल करें।

ग्लूटेन-फ्री डाइट के नुकसान

सही डाइट का मतलब है सभी जरूरी चीजों का संतुलन हो। और जब हम पूरी तरह से ग्लूटेन-फ्री डाइट कर शिफ्ट होते हैं तो कहीं-न-कहीं हम उस संतुलन को डिस्टर्ब कर रहे होते हैं। इस डाइट के दो संभावित नुकसान हैं।

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वसा और शक्कर अधिक

सैद्धांतिक रूप से देखें तो ग्लूटेन-फ्री खानपान लाभदायक होता है, पर एक सच्चाई यह भी है कि ग्लूटेन-फ्री खानपान के ज्यादातर विकल्पों में फैट (वसा) और शक्कर की बहुत अधिक मात्रा होती है। ग्लूटेन-फ्री डाइट के नाम पर हम पिज़्ज़ा, चॉकलेट्स और बीयर जैसी चीज़ों का सेवन कर लेते हैं, जिसमें बेशक जरा भी ग्लूटेन नहीं होता, पर इसमें कैलोरीज की मात्रा बहुत होती है। इतना ही नहीं सैचुरेटेड फ़ैट और शुगर से भी ये चीज़ें भरी होती हैं।

पोषण की गड़बड़ी

शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए कार्बोहाइड्रेट्स की आवश्यकता होती है। जब हम ग्लूटेन-फ्री डाइट लेते हैं, तब शरीर में कार्ब्स की कमी हो जाती है।

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क्या करें?

असल में ग्लूटेन-फ्री डाइट उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होती है, जो सिलिएक नामक बीमारी से पीड़ित होते हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को ग्लूटेन के प्रति एलर्जी होती है। ग्लूटेन से छोटी आंतों को नुकसान पहुंचता है। और ऐसे लोगों को पेट दर्द या फिर दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। इसलिए अगर आपके बच्चे को पेट दर्द या पाचन संबंधी समस्या रहती है या फिर वजन, उसकी ऊंचाई उसकी उम्र के बच्चों की तुलना में काफी कम है तो उसकी जांच करवाएं।

ध्यान रहे कभी भी मार्केट या विज्ञापन के प्रभाव में आकर ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनाना ग्लूटेन खाने से कहीं ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है। क्योंकि ग्लूटेन-फ्री डाइट के नाम पर जंक फूड की एक जमात तैयार हो गई है, जो रेग्युलर डाइट की तुलना में कहीं ज्यादा नुकसान करेगा। और अगर आपको या फिर घर पर किसी भी व्यक्ति को ग्लूटेन से एलर्जी है और ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनाना ही हो तो किसी अच्छे डाइट एक्सपर्ट की देखरेख में ही कोई भी बदलाव करें।


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