एंग्जायटी क्या है? ये एक ऐसा शब्द और सवाल है, जिसको आजकल कई लोगों को मुंह से सुनते आएं हैं। ज्यादातर लोग इसे हल्के में लेते हैं। लेकिन ये छोटा-सा शब्द कितनी बड़ी बीमारी होती है, ये नहीं समझ पाते। खासकर युवा। क्योंकि ये बीमारी युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। यह मस्तिष्क को चोट देने के साथ शरीर को भी नुकसान पहुंचाती है। दरअसल, आज के भाग-दौड़ की जिंदगी में सब रिश्ते दूर हो रहे हैं।
अपनों से लड़ाई, रिश्तों में विश्वास की कमी, एक दूसरे से आगे निकलने की दौड़, असुरक्षित महसूस करना, गलत व्यवहार, अनियमितता, समाज से दूर रहना, अपने आप में ही लीन रहना यह सब बेचैनी के कारण हैं। और एंग्जायटी तो हर किसी को होती है किसी में कम तो किसी में अधिक। तो फिर आखिर कैसे इसे बीमारी के तौर पर पहचानना जाए ये हर किसी के दिमाग में दौड़ता है। अगर कोई विशेष नकारात्मक विचार या परेशानी काफी लंबे समय तक बनी हो और उससे व्यक्ति के रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ने लगे तो ये वाकई में खतरनाक है। तो आइए जानते हैं एंग्जायटी क्या है, इसके क्या लक्षण है विस्तार में।
क्या है एंग्जायटी?
एंग्जायटी एक मानसिक परेशानी है। जो बहुत ही घातक है। यह अवसाद, निराशा और दुःख से जन्म लेती है। जब हम अपनी भावनाओं को अनदेखा करते हैं तो वे हमारे दुःख का कारण बनने लगती हैं। ठीक इसी प्रकार, नजरअंदाज किए जाने पर अवसाद एंग्जायटी का रूप ले सकता है। ऐसे में व्यक्ति को हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है।
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यह घबराहट के दौरे यानी की पैनिक अटैक होते हैं। एंग्जायटी के दौरे में व्यक्ति को हर समय चिंता, डर व घबराहट महसूस होती है। इसके अलावा उल्टी, जी मिचलाने की समस्या, अचानक हाथ कांपना, पसीना आना, घबराहट होना, मन में उल्झन होना,बिना बात के रोना, दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है। कभी-कभार हो तो घबराने की बात नहीं। लेकिन अगर ऐसा बार-बार होता हो तो चिकित्सक से जरूर संपर्क करें अन्यथा ये जानलेवा भी हो सकता है।
एंग्जायटी के प्रकार
- सामान्य एंग्जायटी
- अनियंत्रित जुनूनी प्रकार
- सामाजिक चिंता प्रकार
- डर या फोबिया
- पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर
- घबराहट
एंग्जायटी के सामान्य लक्षण
- बहुत अधिक चिंता करना
- सांस फूलना
- छाती में खिंचाव महसूस होना
- हृदयगति में बढ़ोत्तरी होना
- लोगों के सामने जाने से डरना
- किसी से भी बातचीत करने से डरना
- लिफ्ट वगैरह में जाने में डरना
- जुनून की हद तक सफाई करना
- पुरानी बातों को याद करके बेचैन होना
- जीवन से निराश हो जाना
- ये सोचने कि आप मरने वाले हैं या कोई आपको मार देगा
- बार-बार चीजों को सही करते रहना
- मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाना
- फालतू विचारों में बढ़ोतरी होना
- बिना कारण के बेचैनी महसूस करना
- किसी चीज के लिए अनावश्यक आग्रह करना
- जल्दी ही निराश हो जाना
- गैर-ज़रूरी चीजों के प्रति बहुत लगाव का होना
- मांसपेशियों में तनाव
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एंग्जायटी होने की वजह
- अत्यधिक चिंता करने लगना: छोटी-सी-छोटी बातों को अगर आप बहुत ज्यादा सोचते हैं और ऐसा बार बार होना एंग्जायटी का ही लक्षण है। इसके चलते आप खुद के महत्वपूर्ण कामों को अच्छे से नहीं कर पाते।
- तनावपूर्ण घटनाएं: कार्य का बोझ या फिर तनाव, अपने किसी प्रिय व्यक्ति का निधन या फिर ब्रेकअप, गलत व्यक्ति से शादी जैसी अविश्वसनीय घटनाएँ होने पर कई व्यक्ति के दिलो-दिमाग पर काफी असर पड़ता है जिसे वो भूल नहीं पाता।
- परिवार का इतिहास: जिनके परिवार में मानसिक विकार से जुड़ी समस्याएँ होती रही हैं, उन्हें चिंता विकार की समस्या जल्दी हो सकती है जैसे ओसीडी विकार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जा सकता है।
- स्वास्थ्य से जुड़े मामलें में: थायरॉयड, दमा, डायबिटीज या हृदय रोग आदि में अवसाद से पीड़ित लोग भी एंग्जायटी की चपेट में आ सकते हैं। या फिर जो व्यक्ति लंबे समय से डिप्रेशन से जूझ रहा हो, उसकी कार्यक्षमता में गिरावट आने लगती है। जिसका असर कामकाज पर पड़ता है। जिसके कारण तनाव बढ़ने लगता है और फिर एंग्जायटी का जन्म होता है।
- नशा करने से: कई लोग अपनी तकलीफ, गम, मायूसी, उदासी,अकेलेपन को भुलाने के लिए शराब, नशीली दवाओं और दूसरे नशों का सहारा लेने लगते हैं। जोकि बहुत ही घातक होता है। यकीन मानिए ऐसा करने पर व्यक्ति का कभी भी का इलाज नहीं हो सकते हैं। किसी भी तरह का नशा करने पर समस्याओं को और बढ़ा देता है।
- व्यक्तित्व से जुड़े विकार: कुछ लोगों को पूर्णतः के साथ काम करने की आदत होती है औरजब ये पूर्णतः की जिद सनक बन जाए तो ये एंग्जायटी के अधीन आ जाता है। यही जिद उन लोगों में बिना वजह की घबराहट और चिंता को जन्म देती है।
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एंग्जायटी के परिणाम
- उत्तेजित हो जाना: जब कोई बहुत ज्यादा परेशान होता है तो उसका सहानुभूति तंत्रिका तंत्र तेज हो जाती है जिसके कारण दिल की धड़कन बहुत तेजी से बढ़ने लगती है, पसीना आने लगता है, हाथ पैर कांपने लगते हैं और मुंह सूखना शुरू हो जाता है।
- घबराहट होना: ऐसे व्यक्ति हर बात पर घबराते हैं। ज्यादा कुछ सोचने पर असहजता होने लगती हैं।
- थकान होना: जब कभी भी ज्यादा थकान महसूस हो तो सबसे पहले ये जानना जरूरी होता है कि ये सामान्य फ़ीलिंग है या किसी चिंता की वजह से हो रहा है। अगर सामान्य है तो कोई दिक्कत नहीं। यदि अपका सिर दर्द या घबराहट हो रही है तो तो ये एंग्जायटी का एक लक्षण है।
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई: अगर कोई भी व्यक्ति बहुत ज्यादा तनाव में रहता है तो सिंपल सी बात है कि उसका किसी भी काम में मन नहीं लगेगा। और जब काम में ही मन नहीं लगेगा तो तो उन्हें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होगी और अधिक चिंता से याद्दाश्त पर भी असर पड़ता है।
- चिड़चिड़ापन होना: एंग्जायटी से पीड़ित लोग बहुत ज़्यादा चिड़चिड़े होते हैं। उन्हें बात बात पर गुस्सा आता है। छोटी सी बात पर भी वो चिड़चिड़ा जाते हैं। मजाक से कही बात भी बुरा मान जाते हैं और इसी वजह से वे लोगों से दूर हो जाते हैं।
- सोने में समस्या होना: एंग्जायटी के शिकार व्यक्ति को जल्दी नींद नहीं आती। इसके अलावा बार- बार नींद में सोते हुए गिर जाना या फिर आधी रात में नींद से उठ जाना यह सब भी एंग्जायटी के लक्षण हैं।
- समाज से कटे रहना: ऐसे व्यक्ति सामाजिक कर्मकांडों से दूर रहते हैं। समाज में उठने- बैठने से डरते रहते हैं। उन्हें समाज में उठना बैठना अच्छा नहीं लगता है। ऐसे लोगों को लगता है कि समाज उन्हें और उनकी बातों को अहमियत नहीं देगा।
- संतुष्टि का अभाव: ऐसे व्यक्ति कभी भी संतुष्टि का अनुभव नहीं कर पाता है। उन्हें यही लगता है कि वो अकेला है, उसका अपना कोई नहीं, जो है वो छोड़। ऐसे व्यक्ति को हमेशा दु:ख का एहसास होता रहता है और वह संतुष्ट जीवन का आनंद लेने में असक्षम होता है।
- एंग्जायटी का इलाज: अगर आपको या फिर आपके किसी जानने वाले को एंग्जायटी की समस्या है तो इसको बिल्कुल भी हल्के में न लें। वैसे एंग्जायटी का इलाज दवा, काउंसलिंग, योग, खुश रहने पर, खुद को बिजी रखने और अपनी बातें शेयर करने पर दूर हो सकता है। या फिर किसी अच्छे चिकित्सक, मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक की मदद लें
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एंग्जायटी का इलाज क्या है?
- साइकोथेरेपी का करें इस्तेमाल: एंग्जायटी बीमारी में साइकोथेरेपी की मदद लिया जा सकता है। क्योंकि साइकोथैरेपी बहुत लाभदायक होती है। इस थैरेपी में मन पर नियंत्रण करना सिखाया जाता है, इसके साथ ही हमेशा खुद को जितना हो सके बिजी कैसे रखा जाए या बताया जाता है।
- टेंशन से बाहर निकालें: अगर कोई व्यक्ति एंग्जायटी की परेशानी से जूझ रहा हो तो पहले तो जाने की आखिर उसकी परेशानी क्या है। इसके अलावा कोई और भी टेंशन न दें। ऐसे मरीजों को किसी बात की परेशानी नहीं होने देनी चाहिए।अगर वो परेशान हैं उसे कभी भी अकेला नहीं छोड़े। उससे ज्यादा से ज्यादा बातें करना करें।
- खाने का ध्यान रखें: ऐसे रोगियों को अपने खाने का ध्यान नहीं होता। इसलिए इनके खाने का खास ध्यान देना चाहिए। हरी सब्जियों और हेल्दी फूड दें। जंक फूड या तले हुए भोजन से परहेज करवाएं। साथ ही समय पर भोजन दें। एंग्जायटी के मरीजों को खाना कभी स्किप नहीं करना चाहिए।
- खुश रहना और वर्कआउट करना: एंग्जायटी के मरीजों को हमेशा खुश रखना चाहिए। किसी भी तरह का स्ट्रैस मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है। जिस भी काम में मन लगता हो वो करना चाहिए। संगीत सुनना चाहिए। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा सबसे बातें करनी चाहिए। इसके अलावा हर रोज वर्कआउट और योग जरूर करना चाहिए।
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एंग्जायटी दूर करने के लिए क्या खाए?
- पालक का सेवन करने से एंग्जायटी को दूर करने में मदद मिलती है। पालक का जूस या फिर सब्जी जो भी खाना पसंद हो रोजाना सेवन करे। क्योंकि पालक में एंटी स्ट्रेस और एंटी डिप्रेसिव गुण होता हैं जो चिंता और एंग्जायटी को दूर करने में मदद करता है।
- गाजर का सेवन करें। गाजर को सलाद के रूप में खा सकते हैं या फिर उसका जूस निकालकर भी सेवन कर सकते हैं। गाजर में विटामिन ए, सी और के पाया जाता है साथ ही पोटेशियम भी काफी मात्रा में होता है जो चिंता और एंग्जायटी से निजात दिलाने में मदद करता है।
- बादाम, लैवेंडर और मिशेलिया, अल्बा लीफ आदि के तेलों को मिलाकर सिर की मालिश करना चाहिए। इससे भी बेचैनी की परेशानी दूर होती है।
- जायफल का पाउडर के रूप में नाश्ते व खाना बनाने के दौरान इस्तेमाल करें। जायफल का तेल मूड ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए जायफल के तेल की कुछ बूंदों को रूमाल पर डालकर इसको सूंघते भी रह सकते हैं। इससे काफी आराम मिलता है।
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