भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कोरोना महामारी पर भारत का पक्ष रखा। पीएम ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आंतकवाद के लिए न हो। साथ ही उन्होंने भारत की आत्मनिर्भरता को लेकर भी बयान दिया।
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, “गत डेढ़ वर्ष से पूरा विश्व, 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहा है ऐसी भयंकर महामारी में जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं और परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”
Yes, Democracy Can Deliver.
— All India Radio News (@airnewsalerts) September 25, 2021
Yes, Democracy Has Delivered.
– Prime Minister #NarendraModi at #UNGA pic.twitter.com/I3kFBQ2Qag
उन्होंने कहा, “मैं उस देश का प्रधिनिधित्व कर रहा हूं, जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है। लोकतंत्र की हज़ारों सालों की महान परंपरा रही है इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आज़ादी के 75वें साल में प्रवेश किया है हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है एक देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन-सहन, खानपान है ये वाइब्रैंट डेमोक्रेसी का बेहतरीन उदाहरण है।”
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आत्मनिर्भर भारत अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने ने कहा, ”कोरोना महामारी ने दुनिया को सिखाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को और विविधतापूर्ण बनाया जाए, इसलिए वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं का विस्तार बहुत महत्वपूर्ण है। हमारा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ इसी भावना से प्रेरित है। स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर भारत भारतीय छात्रों द्वारा बनाए गए 75 उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करने जा रहा है।”
उन्होंने पाकिस्तान पर भी जमकर इस दौरान हमला बोला। मोदी ने कहा, “दुनिया में चरमपंथ का खतरा बढ़ गया है। जो देश आतंकवाद का पॉलीटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी खतरनाक है। अफगानिस्तान को लेकर सुनिश्चित करना होगा कि अफगान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए ना हो। इस वक्त अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों को मदद की जरुरतत है। हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा। अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जरुरी है।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “समुद्री सीमा का दुरुपयोग ना हो। आतंकवाद को हथियार की तरह इस्तेमाल न करें। अफगानी सिंख-हिंदू की सुरक्षा जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आवाज उठानी होगी। दुनिया के कई हिस्सों में प्रॉक्सी वार चल रहा है।” इसके बाद पीएम मोदी ने का कि संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपनी विश्वसनीयता बढ़ानी होगी।
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नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्लोबल वैल्यू चेन का विस्तार जरुरी है। भारत विश्व का लोकतांत्रिक-भरोसेमंद पार्टनर है। वैक्सीन निर्माता भारत आएं और वैक्सीन बनाएं। उन्होंने कहा कि तकनीक का आज अहम महत्व है। हमें आने वाली पीढ़ियों को जवाब देना है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “सेवा परमो धर्म: की तरह भारत वैक्सीन बनाने में जुटा हुआ है। दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन भारत ने बना ली है। जरुरतमंद देशों को वैक्सीन फिर भारत देने लगा है। पीएम मोदी ने दूसरे देशों को भारत में आकर वैक्सीन बनाने का आमंत्रण भी दिया।”
उससे पहले उन्होंने कहा कि लोकतंत्र काम कर सकता है और उसने कर के दिखाया। आज विश्व का हर छठा इंसान भारतीय है। जब भारतीय की प्रगति होती है तब दुनिया की प्रगति होती है। भारत में हो रहे तकनीकी विकास विश्व की बहुत मदद कर सकते हैं। भारत विकास करता है तो दुनिया आगे बढ़ती है।
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पीएम मोदी ने कहा इसके बाद कहा, “भारत ने आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया है। 7 साल में 73 करोड़ लोग बैंकिग व्यवस्था से जुड़ गये। भारत में पहली बार बीमा सुरक्षा कवच मिला। लोकतंत्र की ताकत है कि चायवाला यहां तक पहुंचा है।”
अपने भाषण के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया डेढ़ साल सेमहामारी से लड़ रही है। विविधता हमारे लोकतंत्र की पहचान है। भारत लोकतंत्र की जननी है, मैं इसका प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। पीएम मोदी ने कोरोना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी है।
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