कुरान में फेर-बदल के लिए कोर्ट का रूख करने वाले उत्तर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अपना एक अलग नया कुरान छपवा लिया है। उन्होंने इसे ‘असली कुरान’ करार दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह नई कुरान प्रति वे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के प्रमुख को भी भेजेंगे।
रिजवी ने कुरान की उन सभी 26 आयतों को हटा दिया गया है, जिनके लिए उन्होंने कोर्ट का रुख किया और अदालत ने उन्हें फटकार लगाई थी। इन आयतों के बारे में उनका दावा है कि ये आतंकवाद को बढ़ावा दे रही थीं। उन्होंने दावा किया कि इन आयतों को पैगंबर मुहम्मद के इंतकाल के बाद जोड़ा गया था। उन्होंने फिर से सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है।
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एक वीडियो में रिजवी ने कहा, “मैंने पहला असली कुरान छापा है और बताया है कि पैगंबर मुहम्मद के बाद इसे कैसा होना चाहिए था। मैं इसकी प्रति एआईएमपीएलबी प्रमुख को अध्ययन के लिए भेजूंगा, ताकि उन्हें एहसास हो सके कि आतंकवाद और हिंसा खत्म करने में इस किताब से कितना फर्क पड़ेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने ‘असली कुरान’ की एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस अनुरोध के साथ भेजी है कि इसे सभी मदरसों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। उन्होंने कहा कि यह जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगा।
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इससे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की इन 26 आयतों को लेकर याचिका लगाई थी और कहा था कि इसे बाद में जोड़ा गया। उन्होंने कोर्ट से इन आयतों को हटाने की अपील की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इतना ही नहीं कोर्ट ने वसीम रिजवी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
रिजवी ने अपनी याचिका में दलील दिया था कि कुरान की 26 आयतों में गैर-मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा और उनकी हत्या को प्रेरित करने वाली बातें लिखी गई हैं, इसलिए उसे कुरान से निकालने का आदेश दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस रोहिंटन एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह याचिका विचार करने लायक नहीं है। पीठ में जस्टिस बी.आर. गवई और ऋषिकेष रॉय भी शामिल थे।
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