नदी में कोरोना संक्रमित शव फेंकने का वीडियो वायरल, FIR दर्ज, 2 गिरफ्तार

नदी में कोरोना संक्रमित शव फेंकने का वीडियो वायरल, FIR दर्ज, 2 गिरफ्तार

कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद लोग संक्रमित शवों को नदियों में बहा रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ नदियों के अलग-अलग घाटों पर कब्रों की संख्या देख सरकार के हाथ-पैर फुले हुए हैं। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो यह साबित करने में लगे हैं कि हिंदू परंपरा में नदियों में जल समाधि लेने और दफनाएं जाने की पुरानी परम्परा रही है। हालांकि, इन तर्कों और कुतर्कों के बीच सरकार ऐसे मामलों पर रोक लगाने में जुटी हुई है।

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दो लोग एक शव को पूल से नहीं में फेंक रहे हैं। यह मामला उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का है। एनडीटीवी के पत्रकार कमाल खान ने वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा है, “मरने के बाद न अपनों का कंधा नसीब हुआ और न ही चिता। जैसे लोग पुल से नदी में कूड़ा फेंकते हैं, वैसे ही कूड़े की तरह नदी में फेंक दिए गए। अब एफआईआर कर जांच बिठाई गई है। बलरामपुर की घटना।”

आप देख सकते हैं कि दो लोग खुलेआम एक पुल से शव को नदी में फेंक रहे हैं। वीडियो 28 मई का बताया जा रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि उनमें से एक शख्स पीपीई (PPE) किट पहना हुआ है। जबकि दूसरा शख्स बिना पीपीई किट के शव को पकड़कर नीचे फेंक रहा है।

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बताया जा रहा है कि मृतक का नाम प्रेमनाथ मिश्र था और उनके शव को राप्ती नदी के पुल से नदी में फैंका जा रहा था तभी वहां से गुजर रहे व्यक्ति ने उसका वीडियो बना लिया। पुलिस ने फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक मारने वाले का भतीजा संचय शुक्ल और दूसरा उसकी मदद करने वाला सफाई कर्मचारी मनोज कुमार हैं।

नदी में कोरोना संक्रमित शव फेंकने का वीडियो वायरल, FIR दर्ज, 2 गिरफ्तार

वीडियो को देखने ऐसा मामूम होता है कि जैसे शव को बैग से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि शव वास्तव में एक कोविड रोगी प्रेमनाथ का ही था, और रिश्तेदार इसे नदी में फेंकने की कोशिश कर रहे थे। फिलहाल परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और शव को दोबारा उन्हें सौंप दिया गया है।

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वहीं, बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी वी.वी. सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मरीज को 25 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके तीन दिन बाद यानी 28 मई को प्रेमनाथ शर्मा की मृत्यु हो गई थी। कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक, शव उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया था। उन्होंने कहा कि हमने मामला दर्ज कर लिया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। इसमें दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में कई नदियों में पिछले दिनों सैकड़ों की संख्या में शवों को बहते देखा गया था। इसके बाद सरकार लगातार नदियों के घाटों पर अनाउंस करा रही है कि अगर किसी कारण आप अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे थे तो सरकारी इंतजाम के माध्यम से मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बावजूद इसके नदियों में शवों के मिलने का सिलसिला अभी भी जारी है।


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