किसानों का आज मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर महापंचायत चल रहा है। पंचायत में किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा है। किसान नेता राकेश टिकैत भी मुजफ्फरनगर पहुंच गए हैं। हालांकि, अपनी कसम की वजह से वे गांव नहीं जाएंगे।
दरअसल, बीते दस महीने पहले दिल्ली बॉर्डर पर बैठे राकेश टिकैत ने कसम खाया था कि जब तक बिल वापसी नहीं, घर वापसी नहीं। लिहाजा, वे आज होने वाली महापंचायत में तो जाएंगे, लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे और न ही यहां की मिट्टी पर कदम रखेंगे।
पंचायत में पहुंचे राकेश टिकैत ने बताया कि जब से आंदोलन शुरू हुआ है वे मुजफ्फरनगर नहीं गए हैं। 10 महीने बाद वे आज यहां आ रहे हैं। लेकिन वे यहां की जमीन पर कदम नहीं रखेंगे। वे गलियारे से जाएंगे और अपने घर को देखेंगे। लेकिन घर के अंदर नहीं जाएंगे। जैसा कि टिकैत मुजफ्फरनगर रहने वाले हैं।
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इसी बीच भाजपा सांसद वरुण गांधी का भी अपनी पार्टी लाइन से हटकर साथ मिल गया है। भाजपा सांसद ने रविवार को किसानों का दर्द समझने की अपील की है और कहा है कि वे अपने ही खून हैं और हमें उनका दर्द समझना होगा।
अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने लिखा, “मुजफ्फरनगर में आज प्रदर्शन के लिए लाखों किसान जुटे हैं। वो हमारा ही खून हैं। हमें उनके साथ फिर से सम्मानजनक तरीके से जुड़ने की जरूरत है। उनका दर्द समझें, उनका नजरिया देखें और जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें।”
Lakhs of farmers have gathered in protest today, in Muzaffarnagar. They are our own flesh and blood. We need to start re-engaging with them in a respectful manner: understand their pain, their point of view and work with them in reaching common ground. pic.twitter.com/ZIgg1CGZLn
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 5, 2021
वरुण ने इसके साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया है, जो किसान महापंचायत का है। कमाल की बात ये है कि वरुण गांधी के इस ट्वीट को भाजपा के एक और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी रीट्वीट किया है।
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देखा जाए तो वरुण का यह बयान इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि मोदी सरकार कृषि कानूनों का पूरजोर समर्थन कर रही है। एक ओर जहां बीजेपी और मोदी सरकार कृषि कानूनों को डिफेंड कर रही है, वहीं किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं और काला कानून बताकर इसकी वापसी की मांग पर टिके हैं।
वरुण गांधी के ट्वीट से यह स्पष्ट हो गया है कि उनका स्टैंड किसानों के हित में ही है। महापंचायत में महिलाएं भी भारी संख्या में पहुंची हैं। हालांकि, महापंचायत के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल तैनात किया गया हैं। राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक कानूनों की वापसी नहीं होती, तब तक किसानों की भी घर वापसी नहीं होगी।
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