ट्विटर की बड़ी कार्रवाई, मोहन भागवत समेत RSS के प्रमुख नेताओं के ब्लू टिक हटाए

ट्विटर की बड़ी कार्रवाई, मोहन भागवत समेत RSS के प्रमुख नेताओं के ब्लू टिक हटाए

ट्विटर ने उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिए थे। लेकिन बाद में उसे फिर से बहाल कर दिया। इसको लेकर सफाई में ट्विटर ने कहा कि लंबे समय से अकाउंट नहीं खोले गए थे जिसके कारण गलती से ब्लू टिक हटा दिया गया था।

लेकिन इस घटना के तुरंत बाद माइक्रोब्लॉगिंग एप ने एक और बड़ा एक्शन लिया। ट्विटर ने एक के बाद एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े कई प्रमुख लोगों के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिए हैं।

इसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का ट्विटर अकाउंट भी शामिल है। भागवत के अकाउंट को ट्विटर ने अनवेरिफाइड कर दिया है। दरअसल, कुछ समय से नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ट्वविटर के बीच विवाद छिड़ा हुआ है।

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इसके अलावा ट्विटर ने आरएसएस के कई वरिष्ठ नेता जैसे- कृष्ण गोपाल, सुरेश सोनी, अरुण कुमार, सुरेश जोशी के अकाउंट को भी अनवेरिफाइड कर दिए हैं। सभी के नामों के आगे से ब्लू टिक हटा दिया गया है। ऐसे में अब सोशल मीडिया समेत प्रशासनिक स्तर हंगामा मचना तय है।

ट्विटर की बड़ी कार्रवाई, मोहन भागवत समेत RSS के कई नेताओं के ब्लू टिक हटाए

मोहन भागवत के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटने के पीछे यही वजह हो सकती है कि उनका ट्विटर अकाउंट मई 2019 में बना था, लेकिन अभी उनके ट्विटर पर एक भी ट्वीट नहीं हैं। इसके बावजूद उन्हें ब्लू टिक दिया गया था।

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ट्विटर नियमों के मुताबिक, पिछले छह महीने में लॉग इन करना जरूरी है, तभी उसे एक्टिव अकाउंट माना जाएगा। हालांकि, इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप ट्वीट, रिट्वीट, लाइन, फॉलो, अनफॉलो करें। लेकिन अकाउंट एक्टिव रखने के लिए छह महीने में एक बार लॉग इन करना जरूरी है और प्रोफाइल अपडेट रखना जरूरी है।

वहीं अब दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने ट्विटर को आखिरी चेतावनी दी है कि नए आईटी नियमों को माने अन्यथा उस पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार की ओर से जारी फाइनल नोटिस में कहा गया है कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में विफल रहने पर ट्विटर आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट गंवा देगा। दरअसल, सरकार ने ट्विटर इंडिया को नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए फाइनल नोटिस जारी किया है।

केंद्र सरकार का कहना है कि नए नियमों का तुरंत पालन करने के लिए ट्विटर इंडिया को एक अंतिम नोटिस दिया गया है, जिसके विफल होने पर आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के तहत उपलब्ध दायित्व से छूट गंवा देगी और ट्विटर आईटी अधिनियम और भारत के अन्य दंड कानून के अनुसार परिणामों के लिए उत्तरदाई होगा। इतना ही नहीं, सरकार ने ट्विटर से अनुपालन अधिकारी के अलावा कंपनी के एक कर्मचारी को शिकायत अधिकारी और नोडल संपर्क कर्मी नियुक्त करने को कहा है।


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