आजकल नींद नहीं आना एक आम समस्या है। ऐसा होने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। चाहे वह काम की वजह से थकान हो या किसी तरह का तनाव। या फिर देर रात तक मोबाइल जैसे गैजेट पर समय बिताना। सही समय पर नहीं होने और पूरी नींद नहीं लेने के चलते कई तरह की शारीरिक दिक्कतें सामने आती हैं।
अगर कोई शख्स छह घंटे से कम की नींद लेता है, तो उसके साथ सेहत संबंधी समस्याएं आने लगती हैं। ऐसे में कई लोग गहरी नींद का आनंद नहीं ले पाते। क्योंकि वो देर रात तक जगते हैं। सुबह देर तक सोते हैं।
अगर नहीं सो पाए तो पूरा दिन उनका चिड़चिड़ाहट में गुजरता है। नींद सही से नहीं लेने का नुकसान शरीर के तीन प्रमुख अंगों पर पड़ता है। साथ ही दो बेहद जरूरी शारीरिक सिस्टम पर भी पड़ता है।
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साइंस जर्नल में लोगों के कम सोने को लेकर एक स्टडी पब्लिश हुई है। स्टडी में साफ तौर पर कहा गया है कि सही से नहीं सोने पर आपकी जिंदगी खराब हो जाती है। सही नींद न आने की कई वजहें हो सकती हैं।
जैसे- ध्वनि प्रदूषण, प्रकाश प्रदूषण, तनाव, बेचैनी, बेइज्जती, धोखा खाना, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और काम करने की शिफ्ट या टाइमिंग। इनकी वजह से दुनिया में अलग-अलग समुदाओं के लोग अलग-अलग तरह से सोते हैं। जिनसे उन्हें कई तरह की दिक्कतें होती हैं।
सतर्क की कमी
पूरी नींद नहीं लेने से दिमागी सिस्टम सही से काम नहीं कर पाता। सतर्क नहीं रह पाता। कम नींद लेने से दिमाग की सतर्कता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसकी वजह से काम में गलतियां होने लगती हैं। या फिर सड़क पर हादसा भी हो सकता है।
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आपके फैसला लेने की क्षमता पर कम सोने से बेहद बुरा असर पड़ता है। तनाव का स्तर तेजी से बढ़ता है। बेचैनी होती है। ज्यादा गंभीर स्थिति आने पर आप डिमेंशिया (Dementia) के शिकार हो सकते हैं। या फिर उन्हें अल्जाइमर्स (Alzheimer’s) बीमारी हो सकती है।
दिल की बीमारी
अगर कोई आदमी सही से नींद पूरी नहीं करता है तो उसके हाइपरटेंशन का शिकार होने की अधिक सम्भावना होती है। अगर ज्यादा दिनों तक एक व्यक्ति सही से नींद नहीं पूरी करता है कि तो उसे दिल का दौरा भी पड़ सकता है। या फिर स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि सही और पूरी नींद लेने से दिल संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
मोटापा और डायबिटीज
कम सोने से या सही से नहीं सोने कारण हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म यानी पाचन प्रक्रिया बिगड़ती है। यानी अग्नाशय जिसे पैंक्रियाज कहते हैं, वो सही से काम नहीं करता है। इसकी वजह से मोटापा बढ़ने की आशंका ज्यादा हो जाती है।
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नींद नहीं पूरी होने से हमारा शरीर इंसुलिन का विरोध करने लगता है। अगर ऐसा हुआ तो आपके शरीर में टाइप-2 डायबिटीज होने की आंशका बढ़ जाती है। डायबिटीज और हाइपरटेंशन एक साथ हो गए तो आपकी मुसीबत ज्यादा हो जाती है।
कमजोर इम्यून सिस्टम
पूरी नींद नहीं लेने या फिर सही से नहीं सोने की वजह से शरीर का इम्यून सिस्टम भी कमजोर पड़ने लगता है। इससे आपको सामान्य जुकाम होने का खतरा ज्यादा बना रहता है। कोरोनाकाल में जुकाम का होना खतरे की घंटी हो सकती है।
आपको ऐसे में कम नींद लेने या पूरी नींद नहीं लेने से बचने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही इम्यून सिस्टम कई वैक्सीन और दवाओं के हिसाब से काम नहीं कर पाता, जिससे किसी भी बीमारी को ठीक करने में काफी ज्यादा समय लगता है।
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जिंदगी 12 फीसदी कम
नींद पूरी नहीं होने की वजह से यानी अगर आप हर रात कम-से-कम छह घंटे से कम सोते हैं, देर रात तक जगते हैं तो आपकी जिंदगी 12 फीसदी छोटी हो जाती है। यानी आप समय से पहले मर सकते हैं।
मान लीजिए आपकी पूरी लाइफ 100 साल की है और आप कम नींद लेने के आदी हैं तो आपकी लाइफ घटकर 88 साल हो सकती है। यह बात एक बड़ी स्टडी में साबित भी हुई है। इसलिए कोशिश करिए कि आप 6 से 8 घंटे के बीच अपनी नींद रखें और गहरी नींद में सोने का प्रयास करें और स्वस्थ रहें।
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