आप जानते तो हैं ही कि बीज न्यूट्रिएंट्स की खदान की तरह है। यह खाने में भले ही स्वादिष्ट न हो, लेकिन उनमें शामिल पोषक तत्वों, एंटीऑक्सिडेंट्स, अच्छे फैट और फाइबर आपके स्वास्थ के लिए बहुत उपयोगी है। इसलिए अगर आप इन बीजों का सेवन नहीं करते तो आज से ही करना शुरू कर दीजिए। तो आइए जानते हैं कौन-कौन से वो बीज हैं जिनके सेवन से आप रह सकते हैं हमेशा हेल्दी
अलसी (Flax)

अलसी को फ्लैक्स सीड और नॉर्थ इंडिया में तीसी के नाम से जाना जाता है। ये महिलाओं के शरीर के लिए खासतौर से अच्छा है। इसमें मौजूद ओमेगा थ्री फैट सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। अलसी के सेवन से ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल और कैंसेर का खतरा घटता है। अलसी के सेवन से रक्त में शक्कर की मात्रा भी कम होती है, इसलिए इससे डायबिटीज़ जैसी बीमारी में फायदेमंद माना जाना है। इसलिए इसका सेवन जरूर करें।
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चिया (Chia)

चिया का बीज मूल रूप से मेक्सिको में पाया जाता है। हालांकि, ज्यादातर लोग चिया और सब्जा के बीज को एक ही मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। चिया का बीज अपने औषधीय गुणों और पोषक तत्वों के लिए जाना जाता है। इसे एनर्जी बूस्टर की तरह भी देखा जाता है और इसी वजह से इसे एक जमाने में सैनिक और धावकों का खाना माना जाता था। बताया जाता है कि चीया के बीज त्वचा को जवां बनाए रखता है। यह हृदय और पाचन तंत्र के लिए बहुत ही अच्छा होता है। हड्डियों को मजबूत करने में भी सहायक हैं। चिया के बीज में रोजाना जरूरी कैल्शियम की मात्रा का 18 प्रतिशत मौजूद है। इसलिए इसका सेवन जरूर करें।
सब्जा (Basil)

सब्जा को कई जगह बेसिल, फालूदा या तुर्कमारिया भी कहा जाता है। इनका इस्तेमाल आयुर्वेद में और चाइना में दवाइयों के लिए किया जाता है। सब्जा वजन घटाने से लेकर शरीर को ठंडा रखने और रक्त में शुगर का लेवल कम रखने का काम करता है। इतना ही नहीं यह एसिडिटी, गला जलना, कॉन्सिटिपेशन और अत्यधिक गैस जैसी परेशानियों को भी ठीक करता है। सब्जा के बीज में आयरन, विटामिन और प्रोटीन की अधिकता होती है जिसकी वजह से ये बालों के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है। लेकिन सब्जा के बीज को प्रेगनेन्सी के दौरान कभी न खाएं।
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तिल (Sesame)

क्या आपको मालूम है कि मात्र सौ ग्राम तिल में 62 मिलिग्राम कैल्शियम मौजूद होता है। इसलिए इसका नियमित सेवन करने से हड्डियों, दांत और मांसपेशियों के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इस बीज को माइग्रेन की समस्या पर जरूर सेवन करें क्योकिं तिल में राइबोफ्लेविन की अधिकता होती है। राइबेफ्लेविन माइग्रेन की तीव्रता को कम करता है।
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सूरजमुखी (Sunflower)

सूरजमुखी के बीज में विटामिन ई की अधिकता होती है। नेशनल सनफ्लावर असोसिएशन के अनुसार 1 औंस सूरजमुखी के बीज में 76 फीसदी विटामिल ई की जरूरत पूरी हो जाती है। कई शोध इस ओर इशारा करते हैं कि यदि व्यक्ति विटामिन ई पर्याप्त मात्रा में सेवन करे तो उसे ह्रदय रोगों से कम खतरा रहता है। इसमें मौजूद फैट भी गुड कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देता है। इतना ही नहीं सूरजमुखी के बीज में प्रोटीन और विटामिन वी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता। है।
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