अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत हेरात में तालिबान ने शनिवार को अलग-अलग चौराहों पर चार लोगों की लाशें लटका दीं। बीबीसी उर्दू के मुताबिक, सभी को किडनैपिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। खबर के मुताबिक, पहले आरोपियों को गोली मारी गई और फिर शनिवार को उन्हें शहर के अलग-अलग चौराहों पर लटका दिया गया।
सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो और फोटो सामने आने के बाद सजा-ए-मौत के इस तरीके पर फिर से बहस छिड़ गई है। इसी हफ्ते तालिबान नेता मुल्लाह नूरुद्दीन तुराबी ने कहा था कि उनके राज में ‘सार्वजनिक तौर’ पर न सही पर सजा-ए-मौत और शरीर के अंग काटने जैसी सजाएं दी जाएंगी।
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वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शरीर के अंग काटने जैसी सजाओं के एलान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अमेरिका इसकी कड़ी निंदा करता है। अमेरिका के अफगानिस्तान में आने के बाद पिछले दो दशकों से सजा-ए-मौत सार्वजनिक तौर पर नहीं दी जा रही थी।
स्थानीय मीडिया ने हेरात के डिप्टी गवर्नर मौलवी शेर अहमद आयमार के हवाले से लिखा है कि तालिबान ने सभी कथित अपहरणकर्ताओं का पीछा किया और एक कथित मुठभेड़ में उन्हें मार गिराया।
डिप्टी गवर्नर ने स्थानीय मीडिया से कहा, “हमने शवों को हेरात में विभिन्न केंद्रीय चौराहों पर लटका दिया ताकि वे अन्य अपहरणकर्ताओं के लिए चेतावनी का काम कर सकें।”
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टोलो न्यूज ने तालिबान के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि पुरुषों ने ‘एक व्यापारी और उसके बेटे का अपहरण कर लिया’ और उसके परिवार से पैसे की मांग की। वहीं, समाचार एजेंसी एपी बताया है कि शहर के मध्य क्षेत्र में एक शव को क्रेन से लटका दिया गया।
एपी न्यूज के मुताबिक, स्थानीय दुकानदार वजीर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि चार शव चौक पर लाए गए, एक को फांसी पर लटका दिया गया। जबकि अन्य तीन शवों को शहर के विभिन्न चौकों में प्रदर्शित किया गया।
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