तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान में ‘आम माफी’ की घोषणा की है। उसने महिलाओं से मंगलवार को अपनी सरकार में शामिल होने का आग्रह किया। न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान समझाने की कोशिश कर रहा है कि अब वह पहले जैसा नहीं रहा जिसको लेकर उसकी आलोचना होती रही है।
अपने अधिकारिक बयान में तालिबान ने कहा है कि सभी के लिए आम माफी का ऐलान किया जा रहा है…ऐसे में आप अपनी रूटीन लाइफ पूरे विश्वास के साथ शुरू कर सकते हैं। तालिबान ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को डरने की जरूरत नहीं हैं। आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। सभी काम पर लौट आएं, किसी को कुछ नहीं कहा जाएगा।
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य एनामुल्लाह समांगानी ने माफी का वादा करते हुए ये समझाने की कोशिश की कि तालिबान आगे चलकर कैसे एक समावेशी सरकार चलाएगा। हालांकि, उनकी टिप्पणी अस्पष्ट रही, क्योंकि तालिबान अभी भी देश की गिरी हुई सरकार के राजनेताओं के साथ बातचीत कर रहा है। और वैसे भी किसी औपचारिक हैंडओवर समझौते की घोषणा नहीं की गई है।
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सामंगानी ने इस्लामिक कानून लाने की बात की पर उन्होंने शरिया, या इस्लामी कानून से उनका क्या मतलब था, इसका ठीक-ठीक वर्णन नहीं किया। जिसका अर्थ है कि लोग पहले से ही उन नियमों को जानते थे जिन्हें तालिबान ने उनसे पालन करने की अपेक्षा की थी। उन्होंने कहा, “सभी पक्षों को एक साथ सरकार में शामिल होना चाहिए।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं था कि माफी से उनका क्या मतलब है। हालांकि, अन्य तालिबान नेताओं ने कहा है कि वे उन लोगों से बदला नहीं लेंगे जिन्होंने अफगान सरकार या विदेशी देशों के साथ काम किया है। लेकिन काबुल में कुछ लोगों का आरोप है कि तालिबान लड़ाकों के पास ऐसे लोगों की सूची है जो सरकार के सहयोगी रहे हैं और वे उनकी तलाश कर रहे हैं।
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हालांकि, तालिबान ने ये स्पष्ट किया कि नई सरकार में महिलाएं भी शामिल होंगी। तालिबान का कहना है कि इसका मकसद महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना है। दरअसल, समांगानी ने मंगलवार को अफगानिस्तान के सरकारी टीवी पर टिप्पणी करते हुए कहा, “इस्लामी अमीरात नहीं चाहता है कि महिलाएं पीड़ित हों।”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार का ढांचा पूरी तरह से साफ नहीं है, लेकिन हमारे तजुर्बे के आधार पर, इसमें पूर्ण इस्लामी नेतृत्व होना चाहिए और सभी पक्षों को इसमें शामिल करना चाहिए। अभी सरकार बनाने का एजेंडा तय किया जा रहा है। जल्द ही प्रस्ताव का ऐलान किया जाएगा।”
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