यूनानी दार्शनिक अरस्तू के मुताबिक, चेतन प्रक्रिया से डरावनी कहानियों और हिंसक नाटकों के माध्यम से नकारात्मक भावनाओं को खत्म किया जा सकता है। इन्हीं कारणों के चलते कला जगत के लोग डर और भय को अपनी रचनाओं में इस्तेमाल करते आए हैं। डर का अपना एक अलग मनोविज्ञान है और ये एक नकारात्मक क्रिया...