बॉलीवुड अभिनेता गुलशन ग्रोवर हिन्दी सिनेमा जगत के बेडमैन के नाम से जाने जाते हैं। आज उनका नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं हैं। फिल्मों में उनकी गिनती सबसे पॉपुलर विलेन में होती है। उन्होंने 400 से अधिक फिल्मों में किया है। लेकिन क्या आपको पता है कि उनको फिल्मों में पहला ब्रेक किसने दिया...
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गुरु दत्त साहब जैसा अद्वितीय शैलीकार, रचनाकार और कलाकार कोई दूसरा न हुआ
“अल गैहान का एक शजरपरवाज भरती हयातअहद के उस रजनीऐसा खोया कीउसकी फिर सहर न हो सकीउसे तो ‘प्यासा’ जाना था छोड़कर” जी हाँ! हम बात कर रहे हैं अद्वितीय शैलीकार, रचनाकार, कलाकार, गुरु दत्त साहब की। नर्तक, कोरियोग्राफर से होते हुए लेखक, अभिनेता, निर्माता, निर्देशक के बहुविध कला यात्रा के मुक्कमल यात्री की। आज...
जब अचानक लता मंगेशकर पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा और सबकुछ बदल गया
बॉलीवुड इंडस्ट्री में लता मंगेशकर नायाब कोहिनूर हैं। लता मंगेशकर का सफर भी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। पिता का हाथ छोटी-सी उम्र में ही उठ गया था। परिवार काफी बड़ा था, घर की बड़ी बेटी लता थीं उनपर ही घर की पूरी जिम्मेदारियां आ गई थीं। उनके स्ट्रगल को लेकर उनकी...
जब मोहम्मद रफी के पैरों से लिपट किशोर कुमार फूट-फूटकर रोने लगे
लीजेंड प्लेबैक सिंगर किशोर कुमार वो नाम है, जिसे इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री को शिखर पर पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है। किशोर कुमार ने तीन दशक तक इंडस्ट्री पर राज किया। उनकी लोकप्रियता का ये आलम था कि उन्हें 8 बार बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। उन्होंने एक के बाद एक कई हिट...
जब खाना खाने के लिए बड़ी-बड़ी पार्टियों में डांस करते थे मिथुन चक्रवर्ती
हिंदी सिनेमा में बॉलीवुड के मशहूर एक्टर मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी फिल्मों और अपने खास अंदाज से दशकों तक राज किया। उन्होंने न सिर्फ अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीता बल्कि अपने डांस स्टेप से भी लुभाया। उनके यूनीक डांस स्टाइल के लिए उन्हें ‘डिस्को किंग’ भी कहा जाता था। हालांकि, मिथुन चक्रवर्ती को...
जब ड्रीमगर्ल पहली बार किंग खान से मिलीं और उनके छोटे कद को लेकर कंफ्यूज हो गईं
बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान ने फिल्म ‘दीवाना’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। ‘दीवाना’ के बाद उन्होंने ‘दिल आशना है’, ‘डर’, ‘बादशाह’ और ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। भले ‘दीवाना’किंग खान की पहली रिलीज फिल्म थी पर उनकी पहली फिल्म थी ‘दिल आशना है’। ‘दिल आशना है’ में...
एक स्त्री का दो पुरुषों के बीच के चुनाव का द्वंद है फिल्म ‘रजनीगंधा’
मनुष्य जैव-सामाजिक प्राणी है। उसके जैविकी और सामाजिकता के द्वंद्व से संस्कृति का रूपाकार बनता है, और इसी से नैतिक मूल्य निर्धारित होते हैं। स्त्री-पुरूष का परस्पर आकर्षण सहज है, जैविक है। कालांतर में सामाजिक विकास के क्रम में ‘यौन संघर्ष’ की अराजकता से बचने विवाह जैसी संस्था का विकास हुआ, और इसे सुदृढ़ बनाए...