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गुलरेज़ शहजाद की कविताएं: ताश के पत्तों की तरह फेंटते रहे मुझे लम्हे
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गुलरेज़ शहजाद की कविताएं: ताश के पत्तों की तरह फेंटते रहे मुझे लम्हे

[गुलरेज़ शहजाद उर्दू, हिंदी और भोजपुरी काव्य साहित्य का एक परिचित नाम है। इनकी नज़्मों, कविताओं और ग़ज़लों में कसक, दर्द, पीड़ा, ताप-संताप के साथ रुमानियत भी है और समय के बनते-बिगड़ते स्वरूप का वास्तविक चेहरा भी है। अभी तक उर्दू, हिंदी और भोजपुरी में आपकी छह कृतियाँ पुस्तक रूप में प्रकाशित हो चुकी हैं।...