नौशाद साहब के हाथ में उनकी माँ का खत था, जिसमें उन्हें खबर सुनाई गई थी कि उनका रिश्ता अब तय कर दिया गया है और वह फौरन बंबई से लखनऊ का सफर शुरू कर दें। नौशाद साहब को यह बात काफी नागवार गुजरी कि उनकी माँ ने उनकी मर्जी के बगैर उनकी शादी करने...
नौशाद साहब के हाथ में उनकी माँ का खत था, जिसमें उन्हें खबर सुनाई गई थी कि उनका रिश्ता अब तय कर दिया गया है और वह फौरन बंबई से लखनऊ का सफर शुरू कर दें। नौशाद साहब को यह बात काफी नागवार गुजरी कि उनकी माँ ने उनकी मर्जी के बगैर उनकी शादी करने...