बहुचर्चित खेड़ा खलीलपुर आसिफ हत्याकांड में पकड़े गए आरोपियों के समर्थन में बीते हफ्ते एक महापंचायत का आयोजित किया गया था। यह पंचायत हरियाणा के नूंह जिले के इंडरी गांव के संगम स्कूल में बीते रविवार को आयोजित की गई थी। जिसमें दिल्ली, यूपी, राजस्थान और हरियाणा जिले से हजारों की संख्या में लोग जुटे थे। इस महापंचायत की अध्यक्षता अरुण जैलदार ने की थी।
ऐसे महापंचायतों में न सिर्फ आसिफ के हत्यारों का छोड़ने की मांग की जा रही है। बल्कि एक विशेष समुदाय को धमकाने और प्रड़ताड़ित करने का काम किया जा रहा है। ऐसे ही एक महापंचायत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें करणी सेना के अध्यक्ष सूरजपाल अमू यह कहते सुना जा सकता है कि वो हमारी अश्लील वीडियो बनाए और हम उनका ‘मर्डर’ भी न करें। बताया जा रहा है कि नूंह में आसिफ हत्याकांड में पकड़े गए आरोपियों को लेकर सूरजपाल अमू ने आयोजित महापंचायत को संबोधित किया था।
वीडियो में सूरजपाल कहता है कि आसिफ जैसे लोग हमारी बहन बेटियों की अश्लील वीडियो बनाए और हम उनका मर्डर भी न करें। हमारे बच्चे निर्दोष हैं, उन्हें छोड़ा जाए। आश्चर्यजनक बात ये ही महापंचायत में उसकी बात को सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। सोशल मीडिया में सूरजपाल के भाषण का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग वीडियो को देखकर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं।
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पत्रकार विनोद कापड़ी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “#KarniSena का सूरजपाल अमू खुलेआम 50,000 की भीड़ के सामने आसिफ की हत्या को सही ठहरा रहा है। भीड़ तालियाँ पीट रही है। ये देश बर्बादी के ऐसे रास्ते पर चल पड़ा है , जहां से वापसी का कोई रास्ता नहीं है। #JusticeForAsif.”
#KarniSena का सूरजपाल अमु खुलेआम 50,000 की भीड़ के सामने आसिफ़ की हत्या को सही ठहरा रहा है। भीड़ तालियाँ पीट रही है। ये देश बर्बादी के ऐसे रास्ते पर चल पड़ा है , जहां से वापसी का कोई रास्ता नहीं है। #JusticeForAsif pic.twitter.com/WwdHUqz3zu
— Vinod Kapri (@vinodkapri) June 5, 2021
सोशल मीडिया पर महापंचायत का वीडियो सामने आने के बाद कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जाने-माने लेखन अशोक कुमार पांडे ने लिखा है, “यह एक लोकतांत्रिक देश है। इसमें क़ानून का राज है। एक हत्यारे के पक्ष में खुलेआम हुई सभा में एक दरिंदा माइक से कहता है- हम मर्डर भी न करें? थाना पुलिस दरोग़ा क़ानून विधायक सांसद मंत्री मुख्यमंत्री किसी के कान पर जूँ नहीं रेंगती। सबकी आँख पर पट्टी है। यह ख़ामोशी महँगी पड़ेगी।”
यह एक लोकतांत्रिक देश है। इसमें क़ानून का राज है।
— Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) June 6, 2021
एक हत्यारे के पक्ष में खुलेआम हुई सभा में एक दरिंदा माइक से कहता है – हम मर्डर भी न करें?
थाना पुलिस दरोग़ा क़ानून विधायक सांसद मंत्री मुख्यमंत्री किसी के कान पर जूँ नहीं रेंगती। सबकी आँख पर पट्टी है।
यह ख़ामोशी महँगी पड़ेगी
मेराज सिद्दीकी नाम के एक यूजर ने कापड़ी के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा है, “देश बर्बादी के रास्ते पर बहुत पहले ही चल चुका है, अब तालिबान बनता जा रहा है। अब हत्या करने वाले के सपोर्ट में महापंचायत शुरू हो गया है दो चार मुस्लिमों को मारो फिर तुम्हें हिन्दू महासभा बचा लेगा। अब भारत को कोई नही बचा सकता है आरएसएस अपने मकसद में 50% कामयाब हो चुका है।”
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जय किसान नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है, “यह व्यक्ति उस समय नहीं खड़ा हुआ जब हिन्दुओं को दवा, ऑक्सीजन, शमशान ले जाने के लिए कंधों की आवश्यकता थी। जैसे ही घृणा फैलाने का अवसर मिला तुरन्त हाज़िर।”
वहीं, राजा तिवारी नाम के यूजर ने लिखा है, “2014 से ऐसे लोग कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं किसी भी सरकार के संरक्षण के बिना ऐसी तकरीर सम्भव नहीं है।” जबकि अवधेश कुमार गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा, “यह इनका धंधा है, जो देश के वर्तमान हुक्मरानों के संरक्षण और सहयोग से फलफूल रहा है।”
सूरजपाल वही शख्स है जिसने फिल्म ‘पद्मावती’ के रिलीज के दौरान जमकर हंगामा काटा था। करणी सेना का गठन 23 दिसंबर 2006 को राजपूतों को आरक्षण दिलाने के नाम पर जन्म हुआ था। यह संगठन सबसे अधिक 2008 में तब सुर्खियों में आई थी जब फिल्म ‘जोधा-अकबर’ की शूटिंग जयपुर में शुरु हुई थी। करणी सेना उस समय खूब हंगामा काटा था। तब सभी राजघराने करणी सेना के खिलाफ खड़े हो गए थे।
Watch this video from Mewat Hindu Mahapanchayat.
— Md Asif Khan (@imMAK02) June 6, 2021
This man openly supported killers of Asif by saying "Our lord Rama used to kill demons, we also finished one demon, what's the problem?"
Where are those Hindus who were attacking Sharjeel when he tweeted abt Jai Sri Ram? pic.twitter.com/H13sqMsNvW
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लेकिन तोड़फोड़ और हिंसा के डर से ‘जोधा-अकबर’ कभी राजस्थान में रिलीज नहीं हुई। यह पहला मौका था जब करणी सेना ने पूरे देश में अपना नाम सुर्खियों में लाने में सफल हुई थी। इसके बाद बॉलीवुड में जब भी राजपूतों पर फिल्म बनती, करणी सेना हंगामा शुरू कर देता है।
हालांकि, इस संगंठन के लोगों पर समय-समय पर अवैध वसूली और गैर-कानूनी कामों में शामिल रहने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में करणी सेना प्रमुख सूरजपाल अमू के बड़े बेटे अनिरुद्ध राघव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहते थे। गाजियाबाद जिले में वह भाजपा युवा मोर्चा में सक्रिय थे।
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