बांग्लादेश की सरहद से लगे भारत का पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा बीते एक हफ्ते से सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में है। हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा यहां अब तक अल्पसंख्यकों के एक दर्जन के करीब मस्जिदों, मकान और दुकान को निशाना बनाया जा चुका है। जबकि कई को आग के हवाले कर दिया है। हालांकि, स्थानीय सरकार इससे लगातार इंकार कर रही है।
Tripura bhawan protest
— Fraternity Movement (@Fraternity_movt) October 29, 2021
Fraternity movement national secretary Ayisha renna. National secretary member Waseem Rs, National General Counsil member Fayiza CA, and many cadres from different universities got detained at Tripura bhawan protest. pic.twitter.com/XEjd0YDUu7
त्रिपुरा हिंसा के खिलाफ देश के अल्पसंख्यक समुदाय में आक्रोश है। इसके विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग समेत कुछ दूसरे हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं। स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑग्रेनाइजेशन ऑफ इंडिया (SIO), यूनाइटेड अगेंस्ट हेट और दूसरे संगठनों ने दिल्ली के त्रिपुरा भवन के बाहर प्रदर्शन का आह्वान किया था।
प्रोटेस्ट के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। लेकिन कुछ ही देर में कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने डिटेन कर लिया। हिरासत में लेने के बाद सभी को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। फ्रेटरनिटी मूवमेंट की राष्ट्रीय सचिव आयशा रेना, राष्ट्रीय सचिव सदस्य वसीम आरएस और राष्ट्रीय महा-परिषद् की सदस्य फैज़ा सीए सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कई छात्रों के हिरासत में ले लिया गया।
Protest at Tripura Bhavan, New Delhi against anti-Muslim violence in #Tripura#SaveTripuraMuslims pic.twitter.com/9bSfY3rBd7
— Q.M.Md Mujibur Rahaman (@MdMRahaman786) October 30, 2021
सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों सुर्खियों में आई छात्र कार्यकर्ता आयशा रेना ने ट्वीट कर बताया, “त्रिपुरा में हिंदुत्व हिंसा का विरोध करते हुए हमें दिल्ली पुलिस ने त्रिपुरा भवन के सामने से हिरासत में लिया है। पुलिस ने हमारे उन पोस्टरों को जब्त कर लिया, जिनमें कहा गया था कि ‘मुस्लिम लाइव मैटर’ और कहा कि ‘यह अवैध है’। इसलिए, मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करना कानूनी है लेकिन, असहमति अवैध है।”
We are Detained by Delhi police from infront of #Tripura bhavan while protesting against the hindutva violence in Tripura. Police confiscated our posters which said Muslimlivesmatter and said it is illegal. So calling for violence against muslims is legal but dissent is illegal.
— Aysha Renna (@AyshaRenna) October 29, 2021
वहीं, दूसरी तरफ त्रिपुरा में दो अलग-अलग घटनाओं में शांति भंग करने पर लक्ष्मीपुर और कैलाशहर में धारा 144 लागू कर दिया गया है। उनाकोटी पुलिस ने बताया कि कैलाशहर में कल अज्ञात बदमाशों ने लक्ष्मीपुर में काली मंदिर में तोड़फोड़ की।
एनएसयूआई और तृणमूल छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने एबीवीपी नेता पर हमला किया। दरअसल, उत्तर त्रिपुरा जिले में मंगलवार शाम को विश्व हिंदू परिषद की एक रैली के दौरान चमटीला इलाके में एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई और दो दुकानों में आग लगा दी गई थी। विहिप ने बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के विरोध में रैली का आयोजन किया था।
उनाकोटी के डीएम यू.के. चकमा ने बताया, “कैलाशहर में चाकू मारने की घटना के आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इलाके में धारा 144 लागू है और स्थिति नियंत्रण में है।” पुलिस ने कानून का पालन करने की अपील की और कहा कि न तो अफवाहें फैलाएं और न ही उन पर विश्वास करें।
Unakoti, Tripura | Section 144 imposed in Laxmipur & Kailashahar for breach of peace in 2 separate incidents. Unknown miscreants vandalised Kali temple in Laxmipur, & attack on an ABVP leader by NSUI & Trinamool Chhatra Parishad workers in Kailashahar, yesterday: Unakoti Police pic.twitter.com/AqWueBnNFS
— ANI (@ANI) October 29, 2021
उधर, त्रिपुरा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में बाहरी असामाजिक तत्व आकर अशांति फैलाने की कोशिश की है। राज्य के सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा, “पुलिस ने जांच की और पाया कि उत्तरी त्रिपुरा जिले के पानीसागर में कोई मस्जिद नहीं जलाई गई है, जैसा कि इंटरनेट मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था।”
हालांकि, इससे पहले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि 26 अक्टूबर को पानीसागर में विश्व हिंदू परिषद की एक रैली के दौरान चमतिल्ला क्षेत्र में एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई और दो दुकानें जला दी गई। यह रैली बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का विरोध करने के लिए निकाली गई थी।
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