त्रिपुरा हिंसा के खिलाफ दिल्ली में छात्रों का प्रदर्शन, उधर त्रिपुरा के मंदिर में तोड़फोड़ के बाद धारा 144 लागू

त्रिपुरा हिंसा के खिलाफ दिल्ली में छात्रों का प्रदर्शन, उधर त्रिपुरा के मंदिर में तोड़फोड़ के बाद धारा 144 लागू

बांग्लादेश की सरहद से लगे भारत का पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा बीते एक हफ्ते से सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में है। हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा यहां अब तक अल्पसंख्यकों के एक दर्जन के करीब मस्जिदों, मकान और दुकान को निशाना बनाया जा चुका है। जबकि कई को आग के हवाले कर दिया है। हालांकि, स्थानीय सरकार इससे लगातार इंकार कर रही है।

त्रिपुरा हिंसा के खिलाफ देश के अल्पसंख्यक समुदाय में आक्रोश है। इसके विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग समेत कुछ दूसरे हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं। स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑग्रेनाइजेशन ऑफ इंडिया (SIO), यूनाइटेड अगेंस्ट हेट और दूसरे संगठनों ने दिल्ली के त्रिपुरा भवन के बाहर प्रदर्शन का आह्वान किया था।

त्रिपुरा हिंसा के खिलाफ दिल्ली में छात्रों का प्रदर्शन, उधर त्रिपुरा के मंदिर में तोड़फोड़ के बाद धारा 144 लागू

प्रोटेस्ट के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। लेकिन कुछ ही देर में कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने डिटेन कर लिया। हिरासत में लेने के बाद सभी को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। फ्रेटरनिटी मूवमेंट की राष्ट्रीय सचिव आयशा रेना, राष्ट्रीय सचिव सदस्य वसीम आरएस और राष्ट्रीय महा-परिषद् की सदस्य फैज़ा सीए सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कई छात्रों के हिरासत में ले लिया गया।

सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों सुर्खियों में आई छात्र कार्यकर्ता आयशा रेना ने ट्वीट कर बताया, “त्रिपुरा में हिंदुत्व हिंसा का विरोध करते हुए हमें दिल्ली पुलिस ने त्रिपुरा भवन के सामने से हिरासत में लिया है। पुलिस ने हमारे उन पोस्टरों को जब्त कर लिया, जिनमें कहा गया था कि ‘मुस्लिम लाइव मैटर’ और कहा कि ‘यह अवैध है’। इसलिए, मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करना कानूनी है लेकिन, असहमति अवैध है।”

वहीं, दूसरी तरफ त्रिपुरा में दो अलग-अलग घटनाओं में शांति भंग करने पर लक्ष्मीपुर और कैलाशहर में धारा 144 लागू कर दिया गया है। उनाकोटी पुलिस ने बताया कि कैलाशहर में कल अज्ञात बदमाशों ने लक्ष्मीपुर में काली मंदिर में तोड़फोड़ की।

एनएसयूआई और तृणमूल छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने एबीवीपी नेता पर हमला किया। दरअसल, उत्तर त्रिपुरा जिले में मंगलवार शाम को विश्व हिंदू परिषद की एक रैली के दौरान चमटीला इलाके में एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई और दो दुकानों में आग लगा दी गई थी। विहिप ने बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के विरोध में रैली का आयोजन किया था।

उनाकोटी के डीएम यू.के. चकमा ने बताया, “कैलाशहर में चाकू मारने की घटना के आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इलाके में धारा 144 लागू है और स्थिति नियंत्रण में है।” पुलिस ने कानून का पालन करने की अपील की और कहा कि न तो अफवाहें फैलाएं और न ही उन पर विश्वास करें।

उधर, त्रिपुरा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में बाहरी असामाजिक तत्व आकर अशांति फैलाने की कोशिश की है। राज्य के सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा, “पुलिस ने जांच की और पाया कि उत्तरी त्रिपुरा जिले के पानीसागर में कोई मस्जिद नहीं जलाई गई है, जैसा कि इंटरनेट मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था।”

हालांकि, इससे पहले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि 26 अक्टूबर को पानीसागर में विश्व हिंदू परिषद की एक रैली के दौरान चमतिल्ला क्षेत्र में एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई और दो दुकानें जला दी गई। यह रैली बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का विरोध करने के लिए निकाली गई थी।


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