सोनिया गांधी की बैठक में जुटे 19 विपक्षी दल, 2024 में दिखाएंगे एकजुटता

सोनिया गांधी की बैठक में जुटे 19 विपक्षी दल, 2024 में दिखाएंगे एकजुटता

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने के लिए कहा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश के संवैधानिक प्रावधानों और स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों में विश्वास रखने वाली सरकार के गठन के लिए विपक्ष की पार्टियों को अपनी विवशताओं से ऊपर उठना होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि इस समय विपक्षी दलों की एकजुटता राष्ट्रहित की मांग है और कांग्रेस अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखेगी। वहीं, दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी विपक्षी दलों से आह्वान किया कि सभी को देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।

सोनिया गांधी के साथ में कांग्रेस समेत कुछ 19 पार्टियां शामिल हुईं। नेताओं की इस डिजिटल बैठक में संसद के हालिया मॉनसून सत्र के दौरान दिखी विपक्षी एकजुटता का उल्लेख किया गया। सोनिया गांधी ने कहा, ”मुझे भरोसा है कि यह विपक्षी एकजुटता संसद के आगे के सत्रों में भी बनी रहेगी। लेकिन व्यापक राजनीतिक लड़ाई संसद से बाहर लड़ी जानी है।”

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उन्होंने आगे कहा, ”निश्चित तौर पर (हमारा) लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है। हमें देश को एक ऐसी सरकार देने के उद्देश्य के साथ व्यवस्थिति ढंग से योजना बनाने की शुरुआत करनी है कि जो स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और संविधान के सिद्धांतों और प्रावधानों में विश्वास करती हो।”

इसके बाद विपक्षी दलों से आह्वान करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”यह एक चुनौती है, लेकिन हम साथ मिलकर इससे पार पा सकते हैं और अवश्य पाएंगे। क्योंकि मिलकर काम करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हम सभी की अपनी मजबूरियां हैं, लेकिन अब समय आ गया है जब राष्ट्र हित यह मांग करता है कि हम इन विवशताओं से ऊपर उठें।”

उन्होंने आगे कहा, ”देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ अपने व्यक्तिगत और सामूहिक संकल्प पर फिर जोर देने का सबसे उचित अवसर है। मैं यह कहूंगी कि कांग्रेस की तरफ से कोई कमी नहीं रहेगी।”

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सोनिया गांधी ने कहा, “कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बार चिट्ठी भी लिखी। जिसमें मांग की गई थी कि लोगों के खाते में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर किया जाए। खासतौर पर उन लोगों के लिए जिनकी आजीविका पर कोरोना महामारी का गहरा असर हुआ है।”

मानसून सत्र को लेकर मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा, “बीजेपी के घमंड और जिद के चलते संसद का मानसून सत्र पूरी तरह से धुल गया, क्योंकि बीजेपी नहीं चाहती थी कि जनता से जुड़े गंभीर मुद्दों पर कोई चर्चा हो।”

उन्होंने आगे कहा, “पेगासस इनमें से एक बड़ा मुद्दा था, जिससे हर नागरिक के जीवन पर असर पड़ सकता है। साथ ही तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और पिछले 9 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भी कोई चर्चा नहीं हुई। हमने रोजमर्रा की चीजों में लगातार हो रही महंगाई और लोकतंत्र के तमाम संस्थानों पर हो रहे हमलों को लेकर भी केंद्र सरकार का विरोध किया।

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दूसरी तरफ बैठक के बाद शरद पवार ने ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ”सोनिया गांधी जी की पहल पर आज समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक संपन्न हुई। वर्चुअल रूप से आयोजित की गई इस बैठक में सम्मिलित होकर अपने विचार व्यक्त किए।”

उन्होंने कहा, ”वर्तमान सरकार इन सभी मुद्दों को हल करने में विफल रही है। जो लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं, जो लोग हमारे देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए, ऐसा मेरा आह्वान है।”

पवार ने कहा, ”एक समयबद्ध कार्यक्रम को सामूहिक रूप से शुरू करने की आवश्यकता है। मैं ये सुझाव देता हूं कि इन सभी मुद्दों से एक साथ निपटने के बजाय, हमें प्राथमिकता तय कर के सामूहिक रूप से इन मुद्दों को सुलझाने के लिए और अपने देश को एक अच्छा वर्तमान और भविष्य देने के लिए कार्य करना चाहिए।”


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