भारत के पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में शनिवार शाम को फायरिंग हुई जिसमें अबतक 13 नागरिकों की मौत हुई है। माना जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। फायरिंग की घटना के बाद आई तस्वीरों में गाड़ियों को जलते हुए देखा जा सकता है। घटना शनिवार को नगालैंड के मोन जिले में तिरु और ओटिंग के बस्तियों के बीच हुई
यह घटना के नागालैंड के मोन जिले के ओटिंग की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों की गाड़ियों में आग लगा दी। नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियो रियो ने लोगों से शांति की अपील की है। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया है।
मुख्यमंत्री नेफियो रियो ने ट्वीट कर कहा, “मोन के ओटिंग में में नागरिकों की हत्या की दुर्भाग्यपूर्ण घटना और अत्यंत निंदनीय है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है। इस घटना की जांच उच्च स्तरीय एसआईटी करेगी और देश के कानून के अनुसार न्याय दिलाएगी, मैं सभी वर्गों से शांति की अपील करता हूं।”
The unfortunate incident leading to killing of civilians at Oting, Mon is highly condemnable.Condolences to the bereaved families & speedy recovery of those injured. High level SIT will investigate & justice delivered as per the law of the land.Appeal for peace from all sections
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) December 5, 2021
वहीं, इस घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया है, “नागालैंड के ओटिंग की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से काफी व्यथित हूं। जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है, उनके परिवारों के प्रति मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय एसआईटी इस घटना की गहन जांच करेगी ताकि शोक संतप्त परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जा सके।”
Anguished over an unfortunate incident in Nagaland’s Oting, Mon. I express my deepest condolences to the families of those who have lost their lives. A high-level SIT constituted by the State govt will thoroughly probe this incident to ensure justice to the bereaved families.
— Amit Shah (@AmitShah) December 5, 2021
रिपोर्ट के मुताबिक, घटना मोन जिले के ओटिंग के तिरु गांव में हुई है। हमले में मारे गए लोग एक पिकअप मिनी ट्रक से वापस लौट रहे थे। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि घटना कल शाम 4 बजे की है। जब काफी देर के बाद भी ये लोग घर वापस नहीं लौटे तो गांव के वॉलंटियर्स इन्हें खोजने के लिए निकले। तभी इन्हें इनकी डेड बॉडीज मिली। इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। गुस्साए ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों की गाड़ियों में आग लगा दी।

कैसे हुई मौत
बताया जा रहा है कि सुरक्षा बल की योजना संदिग्ध उग्रवादियों पर घात लगाकर हमला करने की थी। लेकिन उन्होंने गलती से स्थानीय नागरिकों पर गोलियां चला दीं। खबरों के मुताबिक, सुरक्षाबलों की गोलीबारी में कई नगा युवक मारे गए। घटना के तुरंत बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सुरक्षा बलों (असम राइफल्स) ने बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फिर से फायरिंग की।
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षा वाहनों में आग लगा दी। घटना के दौरान असम राइफल्स का एक जवान भी शहीद हो गया। हताहतों की संख्या में भी इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है। नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराई जाएगी।
नगालैंड की राजधानी कोहिमा में पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में कम-से-कम 11 आम लोगों की मौत हुई है और वह यह पता लगाने के लिए जांच कर रही है कि क्या यह गलत पहचान किए जाने से जुड़ी घटना है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि म्यांमा की सीमा से लगने वाले मोन जिले में उग्रवादियों की संभावित गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान चलाया गया था।
एक बयान में सेना ने कहा, “यह घटना और इसके बाद जो हुआ, वह अत्यंत खेदजनक है। लोगों की मौत की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ के जरिए उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। इसने कहा कि सुरक्षाकर्मी अभियान में गंभीर रूप से घायल हुए हैं और एक जवान की मौत हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को घटना की जानकारी दी गई है।
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