सोशल मीडिया पर बीते दिनों दिल्ली पुलिस के आदर्श नगर के एसएचओ सी.पी. भारद्वाज का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे एक मुस्लिम व्यक्ति को कुछ असमाजिक तत्वों से बचाते देखे गए थे। इसके बाद ट्विटर पर #RemoveSHObhardwaj ट्रेंड करना शुरू हो गया था। अब सी.पी. भारद्वाज को सस्पेंड कर दिया गया है।
माना जा रहा है कि उक्त प्रकरण के चलते उन्हें सस्पेंड किया गया है। हालांकि, दिल्ली पुलिस के सीनियर अफसरों का कहना है कि मजार मामले से सस्पेंशन का लेना देना नहीं है, एसएचओ के खिलाफ काफी शिकायतें थी।
जैसी मोदी और शाह से उम्मीद थी
— Vinod Kapri (@vinodkapri) August 11, 2021
धर्म के फ़र्ज़ी ठेकेदारों और गुंडे मवालियों को क़ानून और संविधान का पाठ पढ़ाने वाले दिल्ली आदर्श नगर के SHO #CPBhardwaj को सस्पेंड कर दिया गया है।
जो संविधान की बात करेगा , उसका यही हाल होगा। https://t.co/VAXPmuFaKC pic.twitter.com/2GCd8BeKQ5
लेकिन बताया जा रहा है कि मजार मामले में उलझने को लेकर एसएचओ रडार पर आ गए थे। दरअसल, बीते हफ्ते आजादपुर फ्लाईओवर पर बनी एक मजार का वीडियो वायरल हुआ था जिसको लेकर एसएचओ सी.पी. भारद्वाज और कुछ लोगों में बहस होती दिखाई दे रही थी।
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तब मीडिया से बात करते हुए भारद्वाज ने बताया था कि आजादपुर फ्लाईओवर पर एक मजार है, जहां कुछ दिन पहले 8 से 10 लोग आए और उसको लेकर आपत्ति जताने लगे।
इसी बीच, वे लोग मजार की देखभाल करने वाले सिंकदर से बहसबाजी करने लगे और उसे हटाने की मांग करने लगे। मजार को लेकर हो रही धार्मिक बहसबाजी की जानकारी जब एसएचओ भारद्वाज को मिली तब वह घटनास्थल पर पहुंच गए।
उन्होंने कहा, ”मैं मौके पर पहुंचा और दोनों पक्षों को समझाने लगा, क्योंकि दोनों पक्षों में काफी तीखी बहस हो रही थी तो मैंने कानून व्यवस्था संभाली। दोनों पक्षों को समझाकर अलग किया और साथ ही समझाया कि पुलिस तय नहीं करती कि कौन-सी जगह या इमारत अवैध है। यह तय करने के लिए एक अलग विभाग है।”
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उन्होंने बताया, “यह मजार काफी समय पहले बनी थी। आजादपुर के आस-पास के लोग यहां शाम को आकर अगरबत्ती जलाते हैं मत्था टेकते हैं। आपस की बहस से कानून व्यवस्था खराब होने का डर बना रहता है, इसलिए मैंने मौके पर जाकर दोनों पक्षों को समझाया और बाद में सब मान भी गए। इस मामले में किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया।”
तब उन्होंने ये भी कहा था कि अगर किसी जगह कोई मजार अवैध है तो उसे देखने का काम या एक्शन लेने का काम धार्मिक कमेटी का होता है, न कि पुलिस का। पुलिस पूरे मामले की जानकारी पहले ही एसडीएम को दे चुकी है, जिसपर काम चल रहा है।
भारद्वाज ने बताया कि इस मजार को लेकर आपत्ति किसी को नहीं है। कुछ लोग बाहर से आकर इसे मुद्दा बनाते हैं। अगर कमेटी रिव्यू करके इसे हटाने का फैसला देती है तो सिविक एजेंसी आकर इसे हटा देगी। हमारा काम हथौड़ा उठाने का नहीं, बल्कि सुरक्षा देने का है।
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