छत्तीसगढ़ में जादू टोना करने का आरोप लगाकर एक आदिवासी महिला को आग के हवाले करने का मामला सामने आया है। महिला को 14 जून को आग के हवाले किया गया था। घटना के पांच दिन बाद यानी 19 जून को सावना ध्रुव की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि उन्हें कई दिनों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं, जिसे लेकर उन्होंने कई बार पुलिस थाने का भी रुख किया। लेकिन उन्हें हर बार अनसुना कर दिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता मुंगेली जिले के घटोली गांव में अपने माता-पिता के घर में अकेली रहती थी। परिजनों का आरोप है कि उनके दूर के संबंधियों और पड़ोसियों ने महिला को जिंदा जला दिया, जबकि पुलिस का कहना है कि सावना ने आत्महत्या की थी। पुलिस ने आत्महत्या की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया है।
हालांकि, मृतक महिला की बहन निर्मला नेताम ने आत्महत्या के आरोपों से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है। निर्मला ने बताया, “सावना मिल रहीं धमकियों और उत्पीड़न की शिकायत करने कई बार पुलिस के पास भी गई। वह आखिरी बार 6 जून को पुलिस के पास गई थी। उन्होंने अपने गांव के सबसे पास छिलफी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें कथित तौर पर वहां से जाने को कह दिया गया।”
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पेशे से सरकारी स्कूल शिक्षिका निर्मला (45) बताती हैं कि अगले दिन सावना की बेटी यशोदा एक बार फिर पुलिस थाने गई थी। उन्होंने कहा, “यशोदा 7 जून को छिलफी पुलिस थाने गई और पुलिस से हमारे संबंधियों और पड़ोसियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अनुरोध किया। जब थाना प्रभारी ने इनकार किया तो मैंने उन्हें फोन कर बात की, जिस पर उन्होंने कहा कि वह अगले दिन मुआयना करने गांव आएंगे, लेकिन कोई भी पुलिसकर्मी गांव नहीं आया।”
निर्मला ने आगे बताया कि 14 जून को लोर्मी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के प्रयास के बाद जब उन्होंने और यशोदा ने सावना को गांव से दूर ले जाने का फैसला किया। उसी दिन दोपहर को उन्हें यशोदा के बेटे फोन आया। उन्हें बताया गया कि ग्रामीणों ने सावना को जिंदा जला दिया है।
निर्मला ने कहा, “मुझे यशोदा के बेटे ने फोन कर बताया कि लोगों ने सावना को जिंदा जला दिया है। मैंने तुंरत 108 पर एंबुलेंस को फोन किया और यशोदा ने एंबुलेंस का इंतजार करते वक्त रोते-चिल्लाती अपनी मां का बयान रिकॉर्ड किया।”
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उन्होंने आगे कहा, “मेरी बहन की मौत के बाद एक एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन पुलिस ने अपने अनुसार ही उसे दर्ज किया। वे हमें एफआईआर की कॉपी भी नहीं दे रहे। पुलिस का कहना है कि यशोदा ने उन्हें (पुलिस) बताया था कि उनकी मां ने आत्महत्या की है। तभी से आरोपी यशोदा पर दबाव डाल रहे हैं कि वे एफआईआर के खिलाफ न जाए, वरना वे उनके बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।”
दूसरी तरफ, मुंगेली के एसपी डी.आर. अचाला ने बताया कि यह पारिवारिक समस्याओं की वजह से की गई आत्महत्या का मामला है। उन्होंने कहा, “हमने महिला के मरने के समय के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में पांच लोग नामजद हैं, मामले की जांच जारी है।” अचला ने कहा, “महिला की बेटी के पुलिस थाने पहुंचने के बाद एफआईआर दर्ज की गई। मृतका एक बुजुर्ग महिला थीं, जिनके अपने परिवार के साथ मतभेद थे।”
वहीं, निर्मला का कहना है, “यह आत्महत्या नहीं थी। गांव के आसपास रहने वाले मेरे चचरे भाइयों और हमारे पड़ोसियों की मेरे माता-पिता की संपत्ति पर नजर थी। इसी संपत्ति (घर) पर सावना, पति द्वारा घर से निकाले जाने के बाद रह रही थी। उन्होंने मेरी बहन को चुड़ैल कहकर और जादू-टोना करने के आरोप लगाकर कई सालों तक प्रताड़ित किया।”
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