हमेशा छोटे बच्चों को सुलाते समय इन 5 बातों का जरूर ध्यान रखें

हमेशा छोटे बच्चों को सुलाते समय इन 5 बातों का जरूर ध्यान रखें

बच्‍चों की अच्‍छी सेहत के ल‍िए खान-पान के साथ-साथ उनके लिए अच्छी नींद भी बहुत जरूरी है। और अच्छी नींद तभी आती है जब आस-पास का वातावरण ठीक हो। बच्चों को सुलाते समय कुछ सुरक्षा न‍ियमों का ध्‍यान रखना चाह‍िए, ज‍िसमें सबसे जरूरी बात है क‍ि बच्चा बेड से ग‍िरे नहीं। अब चाहे आप बच्‍चे के साथ सोएं या फिर उसके आसपास कुशन लगाएं। उनके कमरे में ज्‍यादा गैजेट्स या इलेक्‍ट्रोन‍िक सामान भी नहीं होना चाहिए। क्योंकि जरूरत से ज्‍यादा गैजेट्स और इलेक्‍ट्रिक उपकरण बच्चों के सेहत पर बुरा असर डालते हैं। तो आइए आज जानते हैं बच्चों का कमरा कैसा होना चाहिए।

सही गद्दे का चुनाव

हमेशा छोटे बच्चों को सुलाते समय इन 5 बातों का जरूर ध्यान रखें

बच्चों के ल‍िए सही गद्दे का चुनाव करना चाह‍िए। क्योंकि बच्‍चे की हड्ड‍ियां कमजोर होती हैं। अगर गद्दा ज्‍यादा पतला होगा या उसका मटेर‍ियल अच्‍छा नहीं होगा तो बच्‍चे की स्‍क‍िन पर रैशेज, खुजली की समस्‍या हो सकती है। यही नहीं गद्दा ज्‍यादा पतला होगा तो बच्‍चे की पसल‍ियों पर जोर पड़ सकता है इसल‍िए बच्‍चे के वजन और साइज के मुताब‍िक बेड और गद्दे का चुनाव करें। इसके साथ ही ज‍िस गद्दे पर बच्‍चे को सुलाएं उस पर वॉटरप्रूफ शीट ब‍िछा दें ताक‍ि बच्‍चे को गीलेपन की समस्‍या न हो।

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अधिक कवर से बचें

हमेशा छोटे बच्चों को सुलाते समय इन 5 बातों का जरूर ध्यान रखें

बच्‍चे को ज्‍यादा कवर करके नहीं सुलाना चाहिए क्योंकि बच्‍चे को घबराहट या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। देखा गया है कि ठंड के द‍िनों में हवा के दुष्‍प्रभाव से बचाने के ल‍िए बच्चों को कई लेयर में कवर करके सुलाते हैं ज‍िससे बच्‍चे को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। खासकर जो बच्‍चे करवट नहीं लेते हैं। बच्‍चे को ज्‍यादा लेयर्स में कवर करके सुलाने के बजाय कमरे को गरम रखना चाह‍िए। ख‍िड़की बंद करके रखें। साथ ही बच्‍चा कमरे में रहें वॉर्मर का इस्‍तेमाल न करें इससे भी बच्‍चे को सांस लेने में तकलीफ होती है।

बच्चों को अकेले न सुलाएं

हमेशा छोटे बच्चों को सुलाते समय इन 5 बातों का जरूर ध्यान रखें

आज के समय में बच्‍चे के ल‍िए माता-पिता अलग कमरा बना देते हैं। लेकिन बच्चों पर हर समय न‍िगरानी करने की जरूरत होती है। इसल‍िए बच्‍चे को अकेले न सुलाएं जब तक कि वो समझदार न हो जाए। अकेले में सोने बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। खासकर जब वो निंद से जाते हैं और किसी को अपने अगल-बगल नहीं देखते हैं।

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बच्चों के सामने बुरी आदतों से बचें

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कमरे में या फिर उनके सामने स्मोक‍िंग ब‍िल्‍कुल न करें। धूम्रपान का सेवन करने से धुआं बच्‍चे के गले में जा सकता है, ज‍िससे उसे परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही ध्यान रखें कि बच्चों के कमरे में ज्‍यादा इलेक्‍ट्र‍िक मशीन न हों। क्‍योंक‍ि फ्र‍िज, एसी या टीवी जैसी चीजों में शॉर्ट सर्किट का डर रहता है। इसके अलावा मोबाइल जैसे कई इलेक्‍ट्रोन‍िक गैजेट्स होते हैं जिससे निकले वाली विकिरण सेहत पर बुरा प्रभाव डालती हैं।

सोफा या ऑर्मचेयर पर न सुलाएं

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बच्‍चा को सोफा या ऑर्मचेयर पर न सुलाएं। कुशन के बीच बने गैप से बच्‍चे अक्‍सर नीचे ग‍िर जाते हैं इसल‍िए उन्‍हें बेड पर ही सुलाएं और दोनों तरफ कुशन या तक‍िया लगा दें, ताकि बच्‍चा बेड से न गिरे। इसके अलावा बच्चों की हड्ड‍ियां नाजुक होती हैं इसलिए सोफा जैसे स्पंजी चीजों पर सुलाने से उन पर बुरे प्रभाव पड़ते हैं।


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