पीरियड्स दर्द से निजात पाने के लिए घर पर करें बस ये एक काम

पीरियड्स दर्द से निजात पाने के लिए घर पर करें बस ये एक काम

पीरियड्स का दर्द को सहना बहुत कठिन होता है। इस दर्द से लगभग हर लड़की गुजरती है। और इन दिनों होने वाले ऐंठन को लेकर क्या कुछ करना चाहिए ये नहीं समझ पातीं। ज्यादातर मामलों में, ऐंठन को गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के रूप में नहीं देखा जाता।

हालांकि, इन दिनों होने वाले दर्द उनके खराब जीवनशैली के कारण भी हो सकती हैं। और ऐसे मामलों में इस दर्द का इलाज घर पर ही किया जा सकता है। ऐसे तो पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए कई चीजें कर सकती हैं, लेकिन जो सबसे ज्यादा कारगर है वो है गुड़ और अजवायन का काढ़ा।

ये भी पढ़ें: मूंगफली में छुपा है सेहत का खजाना, जानें इसके लाजवाब फायदें

गुड़ में सोडियम और पोटेशियम जैसे कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो मासिक धर्म की समस्याओं के इलाज में बहुत ही कारगर साबित होता है। इसके अलावा गुड़ आयरन और फोलेट से भरपूर होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि आपके शरीर में रक्त कोशिकाओं का स्तर सामान्य बना रहे।

पीरियड्स दर्द से निजात पाने के लिए घर पर करें बस ये एक काम

दरअसल, गुड़ रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है। और इसलिए ही पीरियड्स के दौरान रक्त की कमी के कारण होने वाली कमजोरी को रोकता है। पीरियड के दौरान होने वाली ऐंठन को कम करने में अजवाइन एक अद्भुत घरेलू उपचार है। अजवायन पीरियड में होने वाले दर्द को प्राकृतिक तरीके से दूर कर सकता है।

ये भी पढ़ें: सिरदर्द होने का ये हैं असल कारण, दवाईयाँ लेने से अच्छा है अपनी आदत में करें बदलाव

अजवाइन और गुड़ का सेवन कैसे करें

रात में सोने से पहले थोड़ी-सी अजवायन को रात भर पानी में भिगोकर छोड़ दें। सुबह एक चम्मच अजवायन को डेढ़ गिलास पानी में गुड़ के साथ उबालें। और इसे तब तक उबालें जब तक कि काढ़ा आधा न हो जाएं। इसे सुबह खाली पेट पी लें। आपको बता दें कि अजवायन और गुड़ से बने इस काढ़े की तासीर गर्म होती है। और इसलिए ही पीरियड्स क्रैम्प्स में इससे आराम मिलता है। लेकिन ध्यान रखें कि बहुत अधिक सेवन न करें। इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें।

नोट: यह एक सामान्य जानकारी है। यह लेख किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करना बेहतर है।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.